केतना तरह के होला विटामिन डी, शरीर में कमी हो जाए तs हड्डी के बन सकेला चूरा
विटामिन डी के प्रकार : विटामिन डी शरीर खातिर बहुत जरूरी होखेला। हड्डी अवुरी प्रतिरक्षा के मजबूत करे खातीर विटामिन डी बहुत जरूरी होखेला। जान लीं कि विटामिन डी केतना प्रकार बा अवुरी एकर कमी के लक्षण का बा। विटामिन डी के कमी से कइसे उबरल जाला।
स्वस्थ रहे खातिर शरीर में मौजूद सभ विटामिन, खनिज, प्रोटीन अवुरी बाकी पोषक तत्व के संतुलन होखल जरूरी बा। विटामिन डी शरीर में अहम भूमिका निभावेला। विटामिन डी के सेवन से हड्डी अवुरी मांसपेशी मजबूत होखेला। जवना लोग के शरीर में विटामिन डी कम हो जाला, ओ लोग के प्रतिरक्षा प्रणाली पs नकारात्मक असर पड़ेला। विटामिन डी के कमी के चलते दिन भर ऊर्जा के कमी, थकान, अवसाद अवुरी हड्डी में दर्द के समस्या बढ़ जाला। विटामिन डी के 2 प्रकार होखेला जवना में विटामिन डी 2 अवुरी विटामिन डी 3 शामिल बा। इ दुनो विटामिन शरीर खातीर जरूरी होखेला। जानीं कि विटामिन डी के कमी के लक्षण का होखेला अवुरी विटामिन डी के कमी से उबरे के खातीर का खाए के चाही।
विटामिन डी के प्रकार
विटामिन डी के दु प्रकार के होखेला। जवना में विटामिन डी 2 अवुरी विटामिन डी 3 शामिल बा। विटामिन डी वसा में घुलनशील होखेला। विटामिन डी 2 (अर्गोंकैल्सिफेरॉल) आ विटामिन डी 3 (कॉलेकैल्सिफेरॉल) से बनल होला। दुनो कई मायने में अलग-अलग होखेला अवुरी विटामिन डी 2 अवुरी डी 3 के स्रोत भी अलग-अलग होखेला।
विटामिन डी 2 खातिर आहार
शरीर में विटामिन डी 2 के कमी के दूर करे खातिर पौधा आधारित भोजन के सेवन करे के चाही। एकरा खातिर मशरूम, जई, बादाम, सोया मिल्क, संतरा के रस, अनाज के आहार में शामिल करीं। धूप में उगे वाला खाद्य पदार्थ में विटामिन डी2 भरपूर मात्रा में होखेला।
विटामिन डी 3 खातिर आहार
विटामिन डी 3 के सबसे बढ़िया पूरक एनीमल फूड हs। जवना में अंडा, मछरी, मछरी के तेल, दूध, दही, मक्खन अवुरी आहार उत्पाद शामिल बा। ए सभ चीज़ के सेवन से विटामिन डी 3 के कमी के भरपाई कईल जा सकता।
विटामिन डी के मुख्य स्रोत
शरीर खातिर विटामिन डी के सबसे बढ़िया स्रोत सूरज के रोशनी होखेला। जवना में अल्ट्रावायलट बी (यूवीबी होखेला। सूरज के किरण शरीर में विटामिन डी 3 बनावे में मदद करेला। सूरज के रोशनी में उगे वाला पौधा में भी इहे तरीका अपनावल जाला। एहसे रोज सुबह 11 बजे ले सूरज के रोशनी लेवे के पड़ेला।
विटामिन डी के फायदा
•प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होला।
•दिमाग आ नर्वस सिस्टम स्वस्थ होला।
•हड्डी आ दाँत मजबूत हो जाला।
•इंसुलिन अवुरी चीनी के मात्रा संतुलित रहेला।
•फेफड़ा के कामकाज बढ़ जाला।
•दिल के स्वास्थ्य में सुधार करेला।
•कैंसर होखे के खतरा कम हो जाला।
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