यूपीआई’ डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन के स्पीड कs देले बा स्लो!, तीन साल में हो गइल बा बड़ उलटफेर
एगो एक्सपर्ट के कहनाम बा कि जईसे-जईसे यूपीआई (यूपीआई लेनदेन) के इस्तेमाल बढ़ल बा, एह में कवनो संदेह नईखे कि अगिला 18-24 महीना में इ आंकड़ा हर महीना 20 अरब यूपीआई लेनदेन तक पहुंच जाई।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई के बढ़त लेनदेन से पिछला तीन साल में डेबिट कार्ड लेनदेन के गति में कमी आइल बा। एकरा के ताजा आंकड़ा से पता चलता। Covid-19 महामारी के बाद बढ़त डिजिटल लेनदेन के चलते डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में काफी गिरावट आईल बा। आजु यूपीआई सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म बन गईल बा। बिजनेस स्टैंडर्ड के खबर के मुताबिक विशेषज्ञ के कहनाम बा कि यूपीआई के माध्यम से छोट-छोट लेनदेन के सुविधा के चलते डेबिट कार्ड के बढ़ोतरी पs एकर असर पड़ल।
समझीं कि अंतर केतना बा
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ा के मुताबिक जुलाई 2020 में डेबिट कार्ड के माध्यम से कुल खर्चा 2.81 खरब रुपिया भईल, जवन कि जुलाई 2023 में बढ़ के 3.15 खरब रुपिया हो गईल। मतलब कि 11.96 प्रतिशत के बढ़ोतरी भईल। जबकि एही दौरान यूपीआई के माध्यम से खर्चा में 428 प्रतिशत के रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज भईल। बिजनेस स्टैंडर्ड के खबर के मुताबिक तीन साल में इ आंकड़ा 2.90 खरब से बढ़ के 15.33 खरब रुपिया हो गईल बा।
मंथली यूपीआई 15 खरब रुपिया से अधिक
खबर के मुताबिक, पछिला अगस्त में यूपीआई के माध्यम से लेनदेन के संख्या 10 अरब रुपिया पहुंच गईल, जवन कि अबे ले के कवनो एक महीना में सबसे जादा बा। मूल्य के हिसाब से मासिक यूपीआई 15 खरब रुपिया से अधिक हो गईल। एही तरे जुलाई 2020 में जहां बैंक 852.35 मिलियन डेबिट कार्ड लेनदेन जारी कईले रहले। तीन साल बाद ई बढ़ के 97 करोड़ 74 लाख हो गइल। रिपोर्ट के मुताबिक अयीसन बढ़ोतरी प्रधानमंत्री जन धन योजना के चलते भईल, जवना में लोग के बेसिक सेविंग बैंक खाता खोले के समय डेबिट कार्ड दिहल जात रहे।
क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन में तेजी
बिजनेस स्टैंडर्ड के खबर के मुताबिक यूपीआई लेनदेन (यूपीआई बनाम डेबिट कार्ड) में बढ़ोतरी जारी बा। एगो विशेषज्ञ के कहनाम बा कि जईसे-जईसे यूपीआई (यूपीआई लेनदेन) के इस्तेमाल बढ़ल बा, एह में कवनो संदेह नईखे कि अगिला 18-24 महीना में इ आंकड़ा हर महीना 20 अरब यूपीआई लेनदेन तक पहुंच जाई। एह बीच क्रेडिट कार्ड से लेनदेन भा खरचा के हालत बढ़िया बा आ जुलाई 2023 में ई रिकार्ड 1.45 खरब हो गइल जबकि जुलाई 2020 में ई महज 0.45 खरब रहल।
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