रामगढ़ताल के मछरियन के टेंडर: जीडीए 10 साल खातिर लगइलस बोली, जारी भइल ठेका
जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह बतवले कि मछरी के शिकार अवुरी पालन के ठेका सबसे जादा बोली लगावे वाली फर्म के दिहल गईल बा। जीडीए के ओर से जारी निविदा के शर्त के पालन कईल जरूरी होई।
गोरखपुर जिला में रामगढ़ताल के मछरी करोड़ों में बिकाता। नीलामी जीडीए के ओर से 10 साल तक 20 करोड़ 30 लाख 59 हजार 776 रुपया में कईल गईल। सबसे जादा बोली लगावे वाली फर्म के ई नीलामी के माध्यम से मत्स्य पालन अवुरी शिकार के ठेका मिलल बा।
रामगढ़ताल के मछरी जीडीए के आमदनी के स्रोत ह। पिछला दू साल से एकर ठेका ना होखत रहे। एह खातिर जीडीए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कइले बा। प्राकृतिक झील में मछरी मारे आ शिकार करे खातिर 10 साल के समय सीमा तय कइल गइल। एकर नीलामी 10 अगस्त के भइल रहे जवना में दस गो बोली लागल रहे।
एहमें मत्स्यजीवी सहकारी समिति लिमिटेड तारामंडल रोड मनहट के सबले बेसी 20 करोड़ 30 लाख 59 हजार 776 रुपिया के बोली लगावल गइल। एकरा चलते फर्म के नीलामी में ठेका मिल गईल। फर्म के ओर से रामगढ़ताल में 10 साल तक शिकार अवुरी मछरी मारे के काम होई। नीलामी प्रक्रिया जीडीए के संपत्ति विभाग पूरा कs लिहलस।
जीडीए सचिव उदय प्रताप सिंह बतवले कि मछरी के शिकार अवुरी पालन के ठेका सबसे जादा बोली लगा वाली फर्म के दिहल गईल बा। जीडीए के ओर से जारी निविदा के शर्त के पालन कईल जरूरी होई।
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