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फुटकर महंगाई दर 2 साल के सबसे निचला स्तर पs: मई में 4.25% पs पहुंचल, खाये-पीये के सामान ले कीमत घटला के असर

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फुटकर महंगाई दर 2 साल के सबसे निचला स्तर पs: मई में 4.25% पs पहुंचल, खाये-पीये के सामान ले कीमत घटला के असर

देस में फुटकर महंगाई दर मई में घटके 4.25% पs आ गइल बा। ई 25 महीनन में महंगाई के सबसे निचला स्तर s। अप्रैल 2021 में महंगाई 4.23% रहल रहे। खाये-पीये के चीजन के दाम में गिरावट के कारण महंगाई में ई कमी आइल बा। एकरा पहिले अप्रिल 2023 में रिटेल महंगाई दर 4.70% रहल रहे।

ग्रामीण महंगाई दर 4.68% से घटके 4.17% पs आ गइल रहे। शहरी महंगाई दर 4.85% से घटके 4.27% पर आ गइल बा। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के बास्केट में लगभग आधा हिस्सेदारी खाये-पीये के चीजन के होला। मई में खाद्य महंगाई दर घटके 2.91% पs आ गइल बा। अप्रिल 2023 में ई 3.84% आ मार्च में 4.79% रहल रहे।

महंगाई घटल इकोनॉमी खातिर अच्छा संकेत

महंगाई में आइल गिरावट के लेके एक्सपर्ट्स के कहनाम बा कि ई इकोनॉमी खातिर अच्छा संकेत बा। सप्लाई चेन में सुधार आ कमोडिटी के कीमत में राहतो के फायदा मिलल बा। हालांकि एह महीनन भइल मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के जानकारी देत RBI गवर्नर कहले रहस कि महंगाई के लेके चिंता आ अनिश्चितता अभियो बरकरार बा।

CPI का होला?

एगो ग्राहक के तौर पs रउआ आ हम रिटेल मार्केट से सामान किनेनी सs। एसे जुड़ल कीमतन में भइल बदलाव के देखावे के काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स माने CPI करत बा। हम सामान आ सर्विसेज खातिर जवन औसत मूल्य चुकावत बा, CPI ओकरे के मापेला।

कच्चा तेल, कमोडिटी के कीमतन, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावे कइयन गो अउरियो चीझ होला, जवना के रिटेल महंगाई दर तय करे में अहम भूमिका होला। करीब 300 सामान अइसन बा, जवना के कीमतन के आधार पs रिटेल महंगाई के रेट तय होला।

महंगाई कइसे प्रभावित करेला?

महंगाई के सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से बा। उदाहरण खातिर, जदि महंगाई दर 7% बा, तs अर्जित कइल गइल 100 रुपिया के मूल्य खाली 93 रुपिया होई। एहिसे महंगाई के देखते निवेश करे के चाहीं। ना तs राउर पईसा के वैल्यू कम हो जाई।

RBI कइसे कंट्रोल करेले महंगाई?

महंगाई कम करे खातिर बाजार में पईसन के बहाव (लिक्विडिटी) के कम कइल जात बा। एकरा खातिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट बढ़ावत बा। जइसे RBI अप्रिल आ जून में रेपो रेट में इजाफा ना करे के फैसला कइले रहे। एकरा पहिले RBI रेपो रेट में लगातार 6 बेर इजाफा कइले रहे। RBI महंगाई के अनुमान में कटौती कइले रहे।

महंगाई कइसे बढ़े-घटेला?

महंगाई के बढ़ल आ घटल प्रोडक्ट के डिमांड आ सप्लाई पs निर्भर करेला। जदि लोगन के लगे पईसा जादा होई तs ऊ जादे चीझ किन सकी लो। जादे चीजन के किनला से चीजन के डिमांड बढ़ी आ डिमांड के मोताबिक सप्लाई ना होखला पs एह चीजन के कीमत बढ़ी।

एह तरे बाजार महंगाई के चपेट में आ जाला। सीधा शब्दन में कहीं तs बाजार में पईसा के अत्यधिक बहाव भा चीजन के शॉर्टेज महंगाई के कारण बनेला। ओहिजा जदि डिमांड कम होई आ सप्लाई जादे तs महंगाई कम होई।

RBI कहलस- महंगाई पs अर्जुन के नजर रखे के जरूरत

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास महंगाई पs अर्जुन के नजर बना के रखे के जरूरत के दोहरवले रहस। ऊ कहलें रहस कि महंगाई अभियो 4% के टारगेट से ऊपर बनल बा। RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपरे रहला के संभावना बा। RBI महंगाई अनुमान के FY24 में 5.2% से घटाके 5.1% कइले बा।

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