बियफे से गोरखपुर में रूक-रूक के सुरू भइल बरखा के क्रम सुक से निरंतरता के ओर बढ़ चलल। सुक से बरखा के सिलसिला सुरू भइल तs सनीचर के रात लगातार चलत रहल। बरखा जिला के पिछला 43 साल के रिकार्ड तुर देलस।
मात्र 24 घंटा में 153 मिमी बरखा रिकार्ड भइल बा, जवन 1981 के बाद सितंबर में होखे वाला सबसे जादे बरखा हs। बरखा से लोगन के गरमी से तs राहत मिलल बाकिर जल भराव के चलते जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गइल।
बरखा के चलते तापमान में गिरावट दर्ज कइल गइल बा। अधिकतम तापमान जहां 24.9 तs न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड कइल गइल। एह कारण पूरा दिन ठंड के आहट महसूस कइल गइल।
मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय बतवलें कि बरखा के वायुमंडलीय परिस्थितियन के वजह से ई रिकार्ड तोड़ बरखा भइल बा। अतवार के आसमान में पूरा दिन बादल छाइल रही आ रुक-रुक के बरखा के सिलसिला जारी रही, अइसन पूर्वानुमान बा।
ऊ बतवलें कि गुजरात से लेके उत्तर बिहार तक एगो निम्न वायुदाब क्षेत्र बनल बा। एकरा अलावे मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सा के ऊपरी वायुमंडल में एगो चक्रवाती हवा के क्षेत्र बनल बा, जवना के प्रवाह दक्षिण उत्तर प्रदेश के ओर बा। ई वायुमंडलीय परिस्थिति बियफे से हाे रहल बरखा के वजह से बनल बा।
मौसम विज्ञानी के अनुसार ई बरखा हस्त नक्षत्र में होखे वाली बरखा हs। बरखा के बाद ठंड के मौसम के सुरुआत हो जाई। दिन हलुका गरम आ रात ठंडी रही।