हिंदू धर्म में छठ पूजा के बरत बहुते खास मानल जाला। एह दौरान भक्त छठी मईया आ भगवान सूरज के पूजा-अर्चना करेला लो आ कठिन बरत के पालन करेला लो। धार्मिक मान्यतन के अनुसार, छठ पूजा 4 दिन तक चलेला। ई साल में तीन बेर चइत, भादो आ कातिक महीना में मनावल जाला। पंचांग के अनुसार, एह साल कातिक महीना में आवे वाला एह महापरब (Chhath Puja 2024) के सुरुआत 5 नवंबर के भइल बा। ओहिजा, एकर अंत आठ नवंबर माने बिहान उगते सूरज के अरघ देला के संगे होई। अइसन मानल जाला कि एह दौरान भगवान सूरज के अरघ देवे (Chhath Puja 2024 Sunrise Time) आ सब पूजन नियमन के पालन करे के चाहीं, तबे बरत के पूरा फल प्राप्त होला।
सूर्योदय के समय
8 नवंबर के दिन उगत सूरज के अरघ (Arghya Timings) देके छठ बरत के समापन कइल जाई। एह दिन (Auspicious Time Chhath Puja) सूर्योदय सबेरे 06 बजके 32 मिनट पs होई। ओहिजा, सूर्यास्त सांझ 05 बजके 30 मिनट पs होई। अइसन कहल जाला कि सूरज के अरघ के दौरान पवित्रता के खास ख्याल रखे के चाहीं। तबे पूजा के फल प्राप्त होला।
छठ पूजा पs सूरज के अरघ देवे के सही नियम (Chhath Puja Rituals)
- सबेरे उठके नहाईं-धोआईं।
- सूर्योदय से पहिले व्रती अपना परिवार के संगे घाट पs पहुंचे लो।
- पानी में उतरके उगत सूरज के अरघ दीं।
- अरघ समय के अनुसार दीं।
- दूध आ जल से सूरज देव के अरघ दीं।
- फेर भगवान सूरज के प्रणाम करीं आ उनका वैदिक मंत्रन के जाप करीं।
- सूर्य चालीसा के पाठ करीं।
- फेर धूप, दीप आ कपूर से सूरज देव के आरती करीं।
- सूरज भगवान के फल, मिठाई, घर पs बनल प्रसाद आदि के भोग लगाईं।
- पूजा में भइल गलतियन खातिर माफी मांगी।
- जल चढ़ावे के दौरान माथा से लोटा नीचे रखीं।
- लाल वस्त्र धारण कs के सूरज देव के जल चढ़ाईं।
- सूरज के अरघ देके बरत के समापन करीं आ सब लोगन में प्रसाद बांटी।
सूरज अरघ मंत्र
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो