कविता भोजपुरी दोहा: दीपक सिंह के कलम से Aug 30, 2022 घुरही भर जगहा बदे, बा सब कूदा फान तब्बो लागेला बहुत बा ख़तरा में जान । झाँकल नाही आँख में, मरलस खाली बोल कइसे ऊ जानी भला, ख़ामोसी के…