बरहज/अखिलेश कुमार सिंह: नवहा पीढ़ी के भविष्य के अंधकार में ले जा रहल बा नशा के शिकंजा, नशा एगो धीमा जहर हs। एकरा सेवन से मनुष्य के जिनगी अंधकार में डूब…
अबही नाम भइल बा थोड़ा जबही छूट गइल तन मोरा... से कहत भिखारी नाटक के समापन जरूर भइल बाकिर संवाद, अभिनय आ मंचन दर्शकन के मन के छू लेलस। नागरी नाटक मंडली…