अपने इतिहास के सबसे बड़ आर्थिक संकट झेल रहल श्रीलंका एक दिन पहिले, यानी 14 अप्रैल के नया साल मनवलस। हर साल सिंहली नववर्ष के मौका पर श्रीलंका के सड़क पर जश्न अउर उल्लास के नजारा देखे के मिलत रहल, लेकिन एह बेर सूरत बदल गइल बा।
दिन-रात लोग सड़क पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कs रहल बाने। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अउर महिंदा राजपक्षे के सत्ता से बाहर कइले की मांग उठा रहल बाने। सड़किये पर टेंट लगल बा। हाथ में झंडा अउर पोस्टर लेहले लगातार विरोध जारी बा।
एह प्रोटेस्ट के केहू नेता नाइ बा। ना एकरे पीछे कौनो राजनीतिक दल बा। न कौनो तैयारी नजर आवत बा। बस मौजूदा व्यवस्था से निराश लोग बाने, जे आपन पीड़ा जाहिर कइल चाहत बाने अउर सरकार बदल देहल चाहत बाने। ई ऊ लोग बाने, जेकरे घर में राशन नाइ बा। जेकर आपन लोग जरूरी चीज खरीदले के लाइन में दम तोड़ देहले बा।”
कारोबारी बोललें- राजपक्षे प्लेग के तरह, बर्बाद कs देहने
गुरुवार के श्रीलंका में पारंपरिक नया साल रहल। सिंहला अउर तमिल लोग एह दिन जश्न मनावेने। शहरों में काम कर रहल लोग सप्ताह भर खातिर गांव चल जाने, लेकिन एह बार नए साल पर जश्न के जगह प्रोटेस्ट भइल।
पूर्व वित्तमंत्री के कह रहल बा लोग देश बर्बाद करे वाला कउआ
बासिल राजपक्षे श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री बाने, जेके राष्ट्रपति 4 अप्रैल के पद से हटा देहले रहने। उनके जगह वित्त मंत्री बनावल गइल अली साबरी पद सम्हरले के चौबीस घंटा के भितरही इस्तीफा दे देहने अउर मौजूदा हालात खातिर देश से माफी मगले बाने।
प्रोटेस्ट साइट पर तम्बू गाड़के, जगह-जगह खाना बांटल जा रहल बा
रमजान के महीना बा अउर इफ्तार के बाद शुरू होखल एह प्रोटेस्ट में बड़ तादाद में स्थानीय मुसलमानो शामिल बाने। बहुत से लोग प्रोटेस्ट साइट पर ही सहरी के इंतजाम कइले में भी लगल बाने। प्रदर्शनकारी तंबुओ गाड़ लेहले बाने। जगह-जगह उबलल दूध अउर खाना बांटल जा रहल बा। बहुत से लोग प्रदर्शनकारियन खातिर खइले के सामानो लेके आइल बाने।
साभार – दैनिक जागरण
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