नाइ रहने मशहूर संतूर वादक: जेब में 500 रुपया ले के मुंबई आ गइल रहने पंडित शिव कुमार शर्मा, महज पांच बरिस के उमिर में सिखले रहने तबला अउर गायन
संतूर, एगो अइसन साज, जेकर नाव शततंत्री वीणा से उपजल। एमे हिंदुस्तानी अउर फारसी शास्त्रीय संगीत के सुर जुड़ गइल। सूफी के रंगओ दिखाई देहल। धरती के स्वर्ग कहे जाए वाले कश्मीर के एही साज के दुनियाभर में शोहरत दियावे वाले पंडित शिवकुमार शर्मा आज ब्रह्म में लीन हो गइलें। ऊ 84 बरिस के रहने। किडनी से जुड़ल समस्या से जूझत रहने, डायलिसिस पर रहने। पहाड़ी धुन वाले एगो कश्मीरी लोकवाद्य के हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में पिरोवले के श्रेय पंडित शर्मा के ही जाला। जेतना मीठ धुन उनके संतूर के रहल, ओतनही मीठ उनकर बोली भी रहल।
13 बरिस में थाम लेहले रहने संतूर
पंडित शिव कुमार शर्मा पांच के उमिर में तबला अउर गायन सिखले अउर फिर सिर्फ 13 बरिस के उमिर में संतूर थाम लेहले। अपने एगो इंटरव्यू में पंडित शिव कुमार शर्मा कहले रहने कि उनकर पिता चाहत रहने कि हम जम्मू चाहे श्रीनगर आकाशवाणी में ही काम करी अउर सरकारी नौकरी के जरिए आपन भविष्य सुरक्षित करीं।
कई सुपरहिट गाना के देहनें संगीत
पंडित शिव कुमार शर्मा के सिनेमा जगत में अहम योगदान रहल। बॉलीवुड में ‘शिव-हरी’ नाम से मशहूर शिव कुमार शर्मा अउर हरि प्रसाद चौरसिया के जोड़ी कई सुपरहिट गाना में संगीत देहले रहने। एमें से सबसे प्रसिद्ध गाना फिल्म ‘चांदनी’ के ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां’ रहल, जौन दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी पर फिल्मावल गइल रहे। पंडित शिव कुमार शर्मा के 15 मई के कॉन्सर्ट होखे वाला रहल। सुर के सरताज के सुने खातिर कई लोग बेताब रहल। शिव-हरि (शिव कुमार शर्मा अउर हरि प्रसाद चौरसिया) के जुगलबंदी से आपन शाम रौनक करे खातिर लाखों लोग इंतजार करत रहे लेकिन अफसोस इवेंट से कुछ दिन पहिलही शिव कुमार शर्मा एह दुनिया के हमेशा खातिर अलविदा कह देहनें।
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