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मनोज भावुक एआईसीटीई के मंच से काहे कहलें- ‘’हिंदी बोलियन के समूह के भाषा हs’’

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”हिंदिये के वजह से हमनी के संवाद कs पा रहल बानी ना तs अपनही आँगन में गूँगा-बहरन के तरे रहत रहे। हिंदुस्तान के तमाम राज्यन के जोड़ेले हिंदी। बातचीत में शुद्ध हिन्दी के मांग ना होखे के चाहीं। दरअसल हिंदी बोलियन के समूह के भाषा हs। बोलियन के विकास हिंदी के विकास हs। हिंदी के लड़ाई अंग्रेजी से बा, बोलियन से ना। एहिसे हिंदी के ओकरा डायलेक्ट के संगे फले-फूले दिहल जाव। ”

ई सब बात अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई ) के हिन्दी पखवाड़ा कार्यक्रम के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचल प्रख्यात साहित्यकार मनोज भावुक कहलें।

एकरा पहिले एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम, उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे, सचिव प्रोफेसर बी आर काकड़े, सलाहकार डॉ. आर के सोनी, डॉ. ममता रानी अग्रवाल आ मुख्य अतिथि मनोज भावुक दीप प्रज्ज्वलित के कार्यक्रम के सुभारंभ कइलें।

फेर भावुक हिन्दी के विकासआ गिरमिटिया देसन में उनकर यात्रा, तकनीकी शिक्षा आ हिंदी, बतौर टेक्नोक्रेट अपना अफ्रीका आ यूरोप प्रवास के अनुभव के साझा करत आपन प्रसिद्ध हिन्दी कविता खिलने दो खूशबू पहचानो, बस तुम अच्छे लगते हो, वसंत आया, पिया न आए गाके नवहन के झूमे पs मजबूर कs देलें। सभागार में उपस्थित पूर्वांचल के लोगन के डिमांड पs मनोज भावुक आपन भोजपुरी गजल सुनवलें- सूरज खड़ा बा सामने आ रात हो गइल आ रंग चेहरा के बा उड़ल काहे / चोर मन के धरा गइल बा का ?

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम तकनीकी शिक्षा खातिर हिन्दी के महत्व के रेखांकित करत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कइयन योजनन के जिकिर कइलें आ अपना भाषण के समापन एह वादा के संगे कइले कि अगिला साल अपना हिन्दी के आ बेहतर कs के मिलेम।

एह अवसर पs डॉ. आर के सोनी हिंदी पखवाड़ा संबंधी रिपोर्ट पेश कइलें आ हिन्दी पखवाड़ा में आयोजित अलग-अलग प्रतियोगितन के 110 विजेता लोगन के परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम आ मुख्य अतिथि मनोज भावुक के कर कमलन द्वारा पुरस्कृत करवलें।

एआईसीटीई के उप निदेशक आ पर्यावरण केंद्रित कवितन खातिर प्रसिद्ध कवि डॉ. निखिल कांत आ अवधेश कुमार के संयोजन आ हिन्दी अधिकारी श्रीमती रीना शर्मा के सशक्त संचालन में कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गइल।

656480cookie-checkमनोज भावुक एआईसीटीई के मंच से काहे कहलें- ‘’हिंदी बोलियन के समूह के भाषा हs’’

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