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गोरखपुर मंडल के प्राचीन हवेली सब के बनावल जाई पर्यटन केंद्र,

आधा दर्जन से ढेर महल चिन्हित

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन अउर प्रयास से पर्यटन के नक्शा पर तेजी से उभर रहल गोरक्ष नगरी के चमक के अउर बढ़ावे खातिर पर्यटन विभाग हर ऊ जतन कर रहल बा, जौन देश, काल अउर परिस्थिति के अनुसार संभव बा। एही क्रम में विभाग गोरखपुर मंडल के जिला में मौजूद महल अउर पुरान हवेली के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कइले के न केवल योजना बनावल गइल बा बल्कि एह दिशा में कदम आगे बढ़ा देहले बा।

स्वीकृति खातिर शासन के भेजल गइल प्रस्ताव 

विभाग आधा दर्जन से ढेर अइसन भवन के चिन्हित कइल बा, जेके पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कsके पर्यटक लोग के आवाजाही बढ़ावल जा सकत बा। इहे नाइ उनकर सूची स्वीकृति खातिर प्रस्ताव बना के शासन के भेज देहल गइल बा। क्षेत्रीय पर्यटन विभाग के योजना एके शासन के 2022-23 के कार्ययोजना में शामिल करवावे के बा, जेसे प्रस्ताव के धरातल पर उतरले में कौनो तरह के आर्थिक चाहे प्रशासनिक दिक्कत न आवे। विभाग के मुताबिक एह योजना के प्रेरणा देश के ऊ महल अउर पुरानी हवेली बा, जेके देखे खातिर पर्यटक दूर-दूर से आवेने। पुरातत्व प्रेमी पर्यटक खातिर अइसन स्थल विशेष आकर्षण के केंद्र होला। विभाग के अध्ययन के मुताबिक नयका पीढ़ी में एके लेके विशेष आकर्षण होला।

पर्यटन विभाग के सूची में शामिल बा ई महल अउर हवेली

§  बसंत सराय, बसंतपुर, गोरखपुर।

§  गोपाल इस्टेट हवेली, बांसगांव, गोरखपुर।

§  श्रीभवन हवेली, मलावं, कौड़ीराम, गोरखपुर।

§  कुड़वा इस्टेट किला, दिलीप नगर, कुशीनगर।

§  पड़रौना इस्टेट महल, पड़रौना बाजार, कुशीनगर।

§  मझौली राज इस्टेट महल, मझौली, देवरिया।

§  सतासी इस्टेट महल, रुद्रपुर, दुग्धेश्वरनाथ, देवरिया।

अधिकारी बोलने कि गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्रा बतवने कि महल अउर हवेली के कहानी नयका पीढ़ी किताब में पढ़ेले लेकिन ओके देखले के कौतूहल उनके मन में हमेशा बनल रहsला। एके देख के देश में कई महल अउर हवेली के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कइल गइल बा, जहवां पर्याप्त संख्या में दर्शक आवेने। ओह दर्शक में युवा लोग के संख्या सर्वाधिक रहsला। एही सोच के ध्यान में रख के गोरखपुर मंडल के पुरान हवेली अउर महल के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कइले के योजना बनावल गइल बा। प्राथमिक तौर पर कुछ स्थल के चिन्हित करत प्रस्ताव तैयार कइल गइल बा अउर स्वीकृति खातिर शासन के भेजा गइल बा। स्वीकृति मिलतही एह योजना के क्रियान्वयन शुरू कs देहल गइल बा।

 

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