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गोरखपुर: बढ़ी दोस्ताना व्यवहार तब चिड़ियाघर बन सकी जेब्रा के ठिकाना, दस महीना बाद भी चल रहल बा अगोरा

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गोरखपुर चिड़ियाघर खातिर इजरायल से दस महीना पहिले लावल गइल जेब्रा के अभीन ले इंसानन के नजदीकी पसंद नाइ आ रहल बा। चिड़ियाघर के माहौल में अनुकूलित करे खातिर उनके लखनऊ चिड़ियाघर में रखल गइल बा। गोरखपुर चिड़ियाघर के एगो जू कीपर जेब्रा से दोस्ती के प्रयास कs रहल बा
जू कीपर रोजाना उनके बाड़े में भोजन सामग्री डाले जाने। धीरे-धीरे उनकर नजदीकी जेब्रा से बढ़ रहल बा। दोस्ती पक्का होखले पर जेब्रा के गोरखपुर चिड़ियाघर में लावल जाई।
दरअसल, पिछले दिन गोरखपुर चिड़ियाघर के निदेशक डा.एच राजा मोहन अउर लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक विष्णुकांत मिश्र के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम जेब्रा के स्वभाव के विषय में जानकारी लीहलस। पता चलल कि शर्मीले स्वभाव के ई वन्यजीव चिड़ियाघर के वातावरण में खुद के ढाल नइखे पवलें। इंसानन के देखतही उ एकांत में चल जात रहे।
अइसे में टीम निर्णय लिहलस कि गोरखपुर चिड़ियाघर से एगो जू कीपर भेजकर जेब्रा के उनके संगे सहज कइल जाव। चिड़ियाघर प्रबंधन के मानल बा कि इंसानन के देख के सहज रहले के बाद ही जेब्रा के गोरखपुर चिड़ियाघर में लावल गइल ठीक बा। काहेसेकि, इहां लावल जाए के बाद करीब तीस मीटर दूरी से रोजाना ओके सैकड़ो लोग देखी। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह बतवलें कि जेब्रा के साथ जू कीपर के दोस्ती ही ओके गोरखपुर लावे में सहायक होई।

छह में से एक जेब्रा के हो गइल रहे मौत

बीतल नवंबर में इजराइल से छह जेब्रा लखनऊ चिड़ियाघर लाइल गइल रहे। ओमें से एक के 36 घंटे बाद ही मौत हो गइल रहे। एकरे बाद से चिड़ियाघर प्रशासन जेब्रा के ले के बेहद सावधानी बरत रहल बा। जेब्रा के बाड़ा पहिले गोरखपुर चिड़ियाघर में शेर के बगल में बनावल गइल रहे। अब शेर के बाड़ा से करीब 500 मीटर के दूरी पर जेब्रा के बाड़ा बनावल गइल बा।
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