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UPPCL: भारत से नेपाल के मिली बिजली, खर्च होई 462 करोड़ रुपिया; बिछावल जा रहल बा लाइन

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भारत से नेपाल के बिजली देवे आ नेपाल से बिजली लेवे खातिर पारेषण लाइन के निर्माण करावल जा रहल बा। पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआइएल) गोरखपुर से नेपाल सीमा तक चार सौ केवी क्षमता के लाइन बना रहल बा।

एह पs 462 करोड़ रुपिया खर्च हो रहल बा। गोरखपुर से नेपाल सीमा तक 94 किलोमीटर लाइन पीजीसीआइएल आ नेपाल सीमा से बुटवल तक 18 किलोमीटर लमहर लाइन के निर्माण नेपाल विद्युत प्राधिकरण करा रहल बा। अगिला बरिस एह लाइन के माध्यम से नेपाल के बिजली देवे के तइयारी चल रहल बा। एकरा के गोरखपुर-बुटवल लाइन नाम दिहल गइल बा।

नेपाल में पन विद्युत परियोजना से बिजली के उत्पादन होला, बाकिर ठंड के मौसम में दिसंबर से अप्रिल तक जादेतर परियोजना बंद रहेला। एह कारण बिजली के संकट पैदा हो जाला। एकरा के देखत भारत से बिजली लेवे आ आउर मौसम में भारत के बिजली देवे के समझौता भइल बा।

बिहार के बिजली देला नेपाल

नेपाल पिछला कुछ समय से बिहार के बिजली बेच रहल बा। एह बिक्री में लगातार बढ़न्ती दर्ज कइल जा रहल बा। हालांकि, नेपाल के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रन में आजो बिजली के लाइन नइखे बिछल। एह कारण नेपाल में आबादी के लिहाज से बिजली के खपत बहुत कम बा। उत्पादन जादे आ खपत कम होखे के कारण नेपाल बिजली बेचके आपन आर्थिक इस्थिति मजबूत कs रहल बा।

सहजनवां से बन रहल बा लाइन

सहजनवां से चार सौ केवी क्षमता के लाइन बनावे के काम कार्यदायी संस्था बीजीपीसीटीएल के सउपल गइल बा। पीजीसीआइएल के अधिकारियन के कहनाम बा कि भारत के क्षेत्र में 50 प्रतिशत से जादे काम पूरा हो चुकल बा। अगिला बरिस तक काम पूरा हो जाई। लाइन महराजगंज के रास्ते नेपाल के सीमा तक पहुंची।

नेपाल के दिहल जाला बिजली

132 केवी पारेषण उपकेंद्र नौतनवां से नेपाल के बिजली दिहल जाला। नेपाल के सीमावर्ती इलाकन के उपकेंद्रन के कबो-कबो बिजली के जरूरत पड़ेला। एही बरिस बिजली देवे के सुरुआत कइल गइल।

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