G-20: विदेश मंत्रियन के बैठक के पीएम मोदी कइलें संबोधित, बोललें- भारत ग्लोबल साउथ के आवाज
G-20: जी-20 के विदेश मंत्रियन के बैठक के संबोधित करत प्रधानमंत्री कहलें कि भारत ग्लोबल साउथ के आवाज बा। G20 विदेश मंत्रियन के बैठक की सुरुआत करे से पहिले तुर्की आ सीरिया में हाले में आइल भूकंपन में जान गंवावे वाला लोगन खातिर एक मिनट के मौन रखल गइल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G20 विदेश मंत्रियन के बैठक के संबोधन करत भारत पहुंचल जी 20 देसन के विदेश मंत्रियन के स्वागत कइलें बाड़ें। ऊ कहलें कि ई बैठक एकता, एगो उद्देश्य आ कार्रवाई के एकता के जरूरतन के बल देत बा। हमरा उम्मीद बा कि आज के रउआ सभे के बैठक आम आ ठोस उद्देश्यन के प्राप्त करे खातिर एक संगे आवे के भावना के दर्शाई। G20 विदेश मंत्रियन के बैठक के संबोधित करत प्रधानमंत्री कहलें कि भारत ग्लोबल साउथ के आवाज बा। G20 विदेश मंत्रियन के बैठक के सुरुआत करे से पहिले तुर्की आ सीरिया में हाले में आइल भूकंपन में जान गंवावे वाला लोगन खातिर एक मिनट के मौन रखल गइल।
बता दीं कि जी20 के विदेश मंत्रियन के बैठक आज दिल्ली में हो रहल बा। बैठक से पहिले भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर जर्मनी के विदेश मंत्री अन्नालीना बाएबॉक के आगवानी कइलें। ऊ बैठक में हिस्सा लेवे नया दिल्ली पहुंचल बाड़ी। बियफे (दु मार्च) के बैठक में सामिल होखे खातिर साऊदी अरब, चीन, इंडोनेशिया, स्पेन आ क्रोएशिया के विदेश मंत्री भारत पहुंचल बा लोग।
हमनी के स्वीकार करे के चाहीं कि बहुपक्षवाद आज संकट मेंः प्रधानमंत्री
जी-20 देसन के विदेश मंत्रियन के बैठक के संबोधित करत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहलें कि हम सभी के ई स्वीकार करे के चाहीं कि बहुपक्षवाद आज संकट में बा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनावल गइल वैश्विक शासन के वास्तुकला दुगो काम के पूरा करे खातिर रहे। ओमे पहिला- प्रतिस्पर्धी हितन के संतुलित कs के भविष्य के युद्धन के रोके के रहे जबकि दूसरका सामान्य हित के मुद्दन पs अंतरराष्ट्रीय सहजोग के बढ़ावा देले रहे। पीएम कहलें वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद आ युद्धन के पिछला कुछ बरिसन के अनुभव से स्पष्ट बा कि वैश्विक शासन अपना दुनो जनादेशन में विफल रहल बा।
पीएम बोललें- प्रभावित लोगन के सुनले बिना कवनो समूह वैश्विक नेतृत्व के दावा नइखे कर सकत
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री कहलें, ‘वर्तमान में कवनो समूह अपना निर्णयन से सर्वाधिक प्रभावित लोगन के बात सुनले बिना वैश्विक नेतृत्व के दावा नइखे कर सकत। ई बैठक गहिराह वैश्विक विभाजन के समय में हो रहल बा। विदेश मंत्रियन के रूप में ई स्वाभाविक बा कि रउआ सभे के चरचा भू-राजनीतिक तनावन से प्रभावित होई।’ पीएम बोललें- ‘दुनिया विकास, आर्थिक लचीलापन, आपदा लचीलापन, वित्तीय स्थिरता, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, खाद्य आ ऊर्जा सुरक्षा, विकास के चुनौतियन के कम करे खातिर G20 के ओर देख रहल बा। एह सब में G20 में आम सहमति बनावे आ ठोस परिणाम देवे के क्षमता बा।’
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