Padam Awards: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी पद्मश्री सम्मान से भइलें सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुध के 106 लोगन के पद्म पुरस्कारन से नवजली। सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण आ 91 पद्म श्री पुरस्कार विजेता सामिल बा लो। राष्ट्रपति एह साल के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पs पद्म पुरस्कार विजेता लोगन के सम्मान के मंजूरी देले रहली। आज के दिन राजनीति, कला आ विज्ञान आ आउर क्षेत्र के कइयन गो प्रमुख नामन के सम्मानित कइल गइल।
बता दीं कि भारत सरकार के ओर से साहित्य आ शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान खातिर गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष आ साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रहल प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के पद्मश्री से सम्मानित कइल गइल। गोरखपुर शहर के निवासी एकरा के लेके बहुते गौरवान्वित महसूस कर रहल बा लो।
कुशीनगर बा मूल निवास स्थान
मूल रूप से कुशीनगर के भेड़ीहारी गांव के रहे वाला प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी के जन्म 20 जून 1940 के भइल रहे। आगे चल के ऊ आपन कार्यक्षेत्र गोरखपुर के बनवलें वर्तमान में गोरखपुर के बेतियाहाता में परिवार के साथ रहेलें आ इहवें से आपन त्रैमासिक पत्रिका “दस्तावेज” के प्रकाशन करेलें। विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य के संगे एगो शिक्षक आ शिक्षा में अपना योगदान खातिर जानल जालें। गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर के संगे हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पs रहलें आ सन् 2001 में सेवानिवृत्त होखला के बाद 2013 से लेके 2017 के बीच साहित्य अकादमी के अध्ययक्ष रहलें।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के दूसरका व्यक्ति
प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के दूसरका अइसन व्यक्ति बाड़ें। जिनका के पद्म श्री से सम्मानित कइल गइल बा। इनका से पहिले गोरखपुर विश्वविद्यालय के संगीत आ ललित कला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष आचार्य राजेश्वर के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथन से 2022 में पद्मश्री से सम्मानित कइल जा चुकल बा।
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