सीएम योगी 16 जुलाई के गोरखपुर अइहे: श्रीझूलेलाल मंदिर के उद्घाटन करिहें, महाराणा प्रताप के मूर्ति के होई अनावरण
सात दशक पहिले शरणार्थी के रूप में गोरखपुर आइल सिंधा समाज के लोगन के गोरक्षपीठ से गहिराह आत्मीय रिश्ता बा। 16 जुलाई के नवनिर्मित श्री झूलेलाल मंदिर के उद्घाटन कs के गोरक्षपीठाधीश्वर आ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एह रिश्ता के आउर मजबूत करिहें।
दरअसल, सिंधा समाज के आराध्य, भगवान श्री झूलेलाल के पुरान मंदिर गोरखनाथ के मुख्य मार्ग पs बा। एह मार्ग के फोरलेन होखला के कारण मंदिर के बहुत हिस्सा सड़क के जद में आ गइला से नया मंदिर के निर्माण के रूपरेखा तइयार कइल गइल।
बनके तइयार हो चुकल बा नया मंदिर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल पs पुरान मंदिर के सामने फोरलेन के लगे नया मंदिर खातिर जमीन उपलब्ध करावल गइल। करीब तीन साल में भगवान श्री झूलेलाल जी के नया मंदिर बनके तइयार हो चुकल बा। 16 जुलाई के सांझ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एकरा के उद्घाटन करिहें।
चालिहा परब के सुभारंभ पs सिंधा समाज के सौगात
भगवान श्री झूलेलाल जी के नवीन मंदिर के उद्घाटन जवना दिन होखे जा रहल बा, ओहि दिन से सिंधा समाज खातिर खास, चालीस दिवसीय चालिहा परब (16 जुलाई से 25 अगस्त) के सुभारंभ हो रहल बा। भारतीय सिंधी सभा के अध्यक्ष राजेश नेभानी के कहनाम बा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ भगवान श्री झूलेलाल जी के मंदिर के उद्घाटन होखे से गोरखपुर के सिंधा समाज खातिर अबकी बेर के चालिहा परब अविस्मरणीय होई।
गोरखपुर के सिंधी समाज गोरक्षपीठ के संरक्षक मानेला
विस्थापन के बाद गोरखपुर आइल एह समाज के लोगन के बसावे आ ओह लोगन के माथा से शरणार्थी के दंश मिटावे में तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महत्वपूर्ण भूमिका निभवलें रहस। ओकरा बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ आ फेर वर्तमान पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सिंधी समाज के साथे पूरा तत्परता से खडा रहल बा लो।
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