चीन के सेना लद्दाख से लेके अरुणाचल प्रदेश तक LAC के ओह पार गांव बसावे के नाम पs सैन्य अड्डा बना रहल बिया। एह गांवन के इन्फ्रास्ट्रक्चर एह तरे से बनावल जा रहल बा कि एकर इस्तेमाल सैन्य अड्डन के रूप में कइल जा सके। गांवन में बनावल गइल वॉच टावर, बड़ वेयर हाउस आ कॉन्क्रीट के ढांचा एही ओर इशारा करेला। LAC के रखवाली से जुड़ल सुरक्षा एजेंसी एह बारे में केंद्र सरकार के विस्तृत जानकारी देले बाड़ी सs।
सरकारी सूत्रन के मोताबिक, 3,488 किलोमीटर लमहर LAC के लगे चीन ‘शियाओकांग’ नाम से 628 गांव बसा लेले बा। शियाओकांग के मतलब चीनी भाषा में ‘समृद्ध’ होला। एमे से जादेतर गांव उत्तराखंड, सिक्किम आ अरुणाचल प्रदेश से लागल बॉर्डर के लगे बा। एह गांवन में निगरानी चौकी, स्टोरेज आ हेलीपैड जइसन सुविधाएं बना लिहल गइल बा।
चीन के जवाब में भारत के ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’
भारत वाइब्रेट विलेज योजना बनवले बा। एकरा तहत 2,900 गांवन के जोड़ल जाई। सब गांव LAC पs बा। उहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कइल चीनी क्षेत्र के मुकाबले मुश्किल बा। एकरा खातिर सरकार ओह गांवन के चिह्नित कs चुकल बिया, जहां से पलायन भइल बा। अइसन जादेतर गांव उत्तराखंड में बा। एकनी के फेर से बसावल वाइब्रेंट विलेज योजना के हिस्सा बा।
चीन हर गांव के पक्का सड़क से जोड़लस
भारत के सुरक्षा विशेषज्ञन के कहनाम बा कि चीनी सेना शांतिकाल के दौरान एह गांवन के निगरानी चौकियन के रूप में इस्तेमाल कइल चाहत बिया। जबकि सैन्य टकराव के इस्थिति में एह गांवन के अग्रिम छावनियन के तरे इस्तेमाल कइल जाई। खास बात ई बा कि एह गांवन के पक्का सड़कन से जोड़ दिहल गइल बा। ओने, मध्य आ पूर्वी सेक्टर में सड़क बनावे के काम तेजी से चल रहल बा।
नया गांव बसावे पs खर्च कइलस 34,400 करोड़ रु.
सुरक्षा एजेंसियन के जानकारी के मोताबिक, चीन नया गांव बसवला पs 30 अरब युआन माने करीब 34,400 करोड़ रुपिया खर्च कइले बा। एकरा अलावे एह गांवन में रहे वाला लोगन के विशेष सब्सिडी दिहल जा रहल बा, जवन 55,000 से 85,000 रु. सालाना बा।