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छपरा के हवा भइल जहरीली, AQI-322 तक पहुंचल: चिकित्सक मास्क आ चश्मा पहनके चले के देलें सलाह, DM अधिकारियन के संगे कइलें बैठक

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छपरा में एकबेर फेर हवा घातक हो गइल बा। छपरा शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 हो गइल बा। जवना के आम आदमी खातिर घातक मानल जाता बा। मौसम विभाग कावर से दिहल गइल जानकारी में 12 दिसंबर के छपरा के हवा सबसे ज्यादा जादे घातक हो गइल बिया। सबेरे में मौसम विभाग कावर से जारी कइल गइल आंकड़ा के अनुसार छपरा के AQI 322 दर्ज कइल गइल बा।

AQI के बढ़ल लईकन आ बृद्ध खातिर सबसे घातक होला। एकरा से सांस लेवे खातिर समस्या के संगे कइयन तरे के बीमारी के जन्म होला। छपरा शहर में वायु प्रदूषण के मुख्य कारण अनियमित तरीका से निर्माण कार्य, पुरान वाहनन के संचालन आ कूड़ा करकट जलावे के बतावल जा रहल बा। नगर निगम कावर से वायु प्रदूषण पs रोक लगावे के बात बतावल जा रहल बा बाकिर कवनो कारगर असर नइखे लउकत।

डीएम कंपनियन के अधिकारियन के संगे कइलें बैठक

छपरा शहरी क्षेत्र में बढ़त प्रदूषण के बीच स्थानीय नागरिक रिटायर्ड विंग कमांडर डॉ बीएनपी सिंह कावर से एनजीटी में अपील कइल गइल रहे। जवना के बाद एनजीटी न्यायालय छपरा नगर निगम के तलब कइलस। नगर निगम के आयुक्त सुमित कुमार आनन-फानन में कइयन तरे के निर्णय लेत सब निर्माण करे वाला कंपनियों के अधिकारियन के संगे बैठक कs के प्रदूषण कम करे खातिर निरदेस देलें। बाकिर धरातल पs कुछ खास असर देखे के नइखे मिल रहल। हवा दिन प्रतिदिन खतरनाक होत जा रहल बा।

सांस आ आंख संबंधित होला समस्या

चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार बतवलें कि AQI लेवल 322 होखला इंसान खातिर खतरनाक होला। एसे सांस सहित स्किन आ आंख संबंधित कइयन तरह के बेमारी होला। छोट लईकन आ बुजुर्ग के फेंफड़ा में इनफेक्शन सहित निमोनिया आ कइयन तरे के समस्या के उत्त्पन्न कs सकत बा।

बदलत मौसम में सब इंसान के मास्क पहिने के चाहीं। घान कोहरा के चलत छोट-छोट माइक्रो पार्टिकल नीचे रह जाला। जवना के चलते AQI डेंजर जोन में चल गइल बा। अइसन में लोगन के अनिवार्य रूप से फेस मास्क आ चश्मा लगाके चले के चाहीं।

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