गोरखपुर : चिड़ियाघर से इलाज खातिर कानपुर प्राणि उद्यान भेजल गइल बब्बर शेर पटौदी केे मौत बियफे के हो गइल। ओकरा मृत्यु के बाद कानपुर चिड़ियाघर में हड़कंप मच गइल बा। प्राथमिक आशंका बर्ड फ्लू से मौत के जतावल जा रहल बा।
बेमार रहे पटौदी, उमिर आ कमजोरी बनल कारण
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान, गोरखपुर में पटौदी पिछला एक महीना से बेमार चलत रहे। ओकर खुराक लगभग आधा रह गइल रहे। सामान्यतः एगो बब्बर शेर के औसत आयु 15 से 16 बरिस होला आ पटौदी लगभग 15 बरिस के हो चुकल रहे।
उमिर बढ़ला के कारण ऊ हड्डी ना तुड़ पावत रहे, एहिसे ओकरा के खाली बिना हड्डी वाला मांस दिहल जात रहे। जहां गरमियन में बब्बर शेर के औसतन 10 से 12 किलो मांस दिहल जाला, पटौदी खाली 4 से 5 किलो खात रहे।
मरियम के मौत के बाद अकेला पड़ गइल रहे पटौदी
पटौदी के साथी शेरनी मरियम के मृत्यु के बाद से ऊ अकेला आ गुमसुम रहे लागल रहे। अक्सर ऊ अपना बाड़ा के कोना में पड़ल रहत रहे। फरवरी 2021 में इटावा लायन सफारी से गोरखपुर चिड़ियाघर में पटौदी आ मरियम दुनो के ले आवल गइल रहे।
लगातार हो रहल वन्यजीवन के मौत से प्रशासन चिंतित
चिड़ियाघर में लगातार हो रहल वन्यजीवन के मौत के बाद पटौदी के बेहतर उपचार खातिर कानपुर चिड़ियाघर भेजल गइल रहे। बाकिर तमाम प्रयासन के बावजूद पटौदी के जान ना बचावल जा सकल।