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Kargil Vijay diwas; प्रयागराज के 30 जवान कारगिल युद्ध लड़ले रहन, बलिदान सुन के आजो लोक के आंख हो जाला नम

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कारगिल विजय दिवस आज 26 जुलाई हs, पाकिस्तान के साथे कारगिल में अघोषित युद्ध के 26वां सालगिरह बा। एह युद्ध में हमनी के वीर सैनिक बहादुरी के प्रदर्शन कइले रहले आ जीत हासिल कइले। ओह युद्ध में शामिल 30 जवान प्रयागराज में रहेले। जबकि पटुलाटी गांव के निवासी लालमणि यादव आपन जान के बलिदान दे देले रहले।

एह युद्ध में हमनी के वीर सैनिक बहादुरी के प्रदर्शन कइले आ जीत हासिल कइले। ओह युद्ध में शामिल 30 जवान प्रयागराज में रहेले। जबकि पटुलाटी गांव के निवासी लालमणि यादव आपन जान के बलिदान दे देले रहले।

कारगिल युद्ध विजेता सूबेदार मेजर बीएन सिंह बतवले कि ओ समय ऊ सिग्नल रेजिमेंट में पुंछ में तैनात रहले। उनकर जिम्मेवारी रहे कि दुश्मनन के संकेत तूड़ के अपना सिपाही के रास्ता देखावे।

रेडियो के माध्यम से दुश्मन के बात सुनत रहले।

” हमनी के रेडियो के माध्यम से दुश्मन के बात सुनत रहनी जा आ ई जानकारी अपना सैनिक तक पहुंचावत रहनी।” रेडियो जैमर के माध्यम से ई काम बहुत सावधानी से कइल गइल। सेना सिग्नल रिपोर्ट के बाद ही आगे बढ़त रहे।

कारगिल विजेता पूर्व सूबेदार श्याम सुंदर सिंह पटेल बतवले कि ऊ गिलगित पहाड़ी पs रहले। युद्ध 18000 फीट के ऊंचाई पर लड़ल जात रहे। पाकिस्तान के सेना पहाड़ी के चोटी पर रहे आ हमनी के सेना नीचे रहे। ऊपर चढ़ल मुश्किल रहे। वायुसेना जब पहाड़ी पs बम गिरवलस तs पाकिस्तानी भाग गइल आ मौका मिलते भारतीय सेना ऊपर चढ़ गइल।

60 डिग्री के पहाड़ी पर चढ़ गइल

कारगिल युद्ध विजेता सूबेदार ईश्वर चंद तिवारी बतवले कि ई अघोषित युद्ध रहे। तबो हमनी के बहादुरी से लड़नी सs आ जीत गइनी सs । बतावल गइल कि ऊ इंजीनियरिंग विंग में रहन आ पैदल सेना के साथ देत रहन । ओह लड़ाई में 60 डिग्री के ऊंचाई वाला पहाड़ी पर चढ़ गइले। ओह में बोफोर्स तोप बहुत उपयोगी रहे। ऊ तोप के मदद से युद्ध जीत गइल रहले।

 

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