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अश्विनी वैष्णव- भारतीय ऐप्स के डीलिस्ट करे के अनुमति नइखे : स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितन के रक्षा कइल जरूरी, गूगल आ स्टार्टअप के मीटिंग खातिर बोलवलस

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ऐप बिलिंग पॉलिसी के पालन ना करे के लेके गूगल के ओर से कइल गइल कार्रवाई पs कड़ा रुख अपनवले बा। ऊ कहलें कि भारतीय ऐप्स के डीलिस्ट करे के इजाजत नइखे दिहल जा सकत। संगही ऊ गूगल आ प्ले स्टोर से हटावल जाये वाला ऐप से जुड़ल स्टार्टअप्स के अगिला हफ्ता मीटिंग खातिर बोलवले बाड़ें। एमे ममिला के सुलझावे के कोसिस कइल जाई।

दरअसल, बीतल दिन 1 मार्च के गूगल ओकरा ऐप बिलिंग पॉलिसी के ना मान रहल 10 भारतीय कंपनियन के ऐप के गूगल प्ले स्टोर से हटा देले रहे। गूगल कहले रहे कि जवना ऐप्स के हटावल गइल ओकनी के 3 साल के समय दिहल गइल रहे, बाकिर ऊ पॉलिसी के माने से इनकार कs देली सs।

स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितन के रक्षा कइल जरूरी

वैष्णव कहलें,’भारत बहुत स्पष्ट बा, हमनी के नीति बहुत स्पष्ट बा। हमनी के स्टार्टअप के ऊ सुरक्षा मिली जवना के उनका आवश्यकता बा। हमरा उम्मीद बा कि गूगल अपना दृष्टिकोण में उचित होई। हमनी के लगे एगो बड़ बढ़त स्टार्टअप इकोसिस्टम बा आ ओकरा हितन के रक्षा कइल जरूरी बा।

हम पहिलही गूगल के हमरा से मिले खातिर कहले बानी। हमनी के अपना स्टार्टअप इकोसिस्टम के सुरक्षा खातिर सब आवश्यक कदम उठाएम सs। हमरा विश्वास बा कि डिजिटल पेमेंट के अच्छा तरे से एडॉप्ट करे वाला गूगल एह ममिला पs उचित रूप से विचार करी।’

गूगल मैट्रिमोनी, शादी डॉट कॉम सहित 10 ऐप्स के हटवलस 

मीडिया रिपोर्ट के मोताबिक, गूगल अब तक भारत मैट्रिमोनी, शादी डॉट कॉम, नौकरी.कॉम, 99-एकर्स.कॉम, Altt, स्टेज, अहा, ट्रूली मैडली, क्वैक क्वैक, कुकू FM आ FRND जइसन कंपनियन के ऐप्स के गूगल प्ले स्टोर से हटा देले बा। गूगल कहले रहे कि एह कंपनियन के लगे पर्याप्त समय रहे, बाकिर एकरा बादो ई बिलिंग पॉलिसी पs हामी ना भरली सs तs अब एक्शन लेवे के पड़ रहल बा।

SC के कंपनियन के प्ले स्टोर से हटावे से बचावे खातिर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट नौ फरवरी 2024 के भारत मैट्रिमोनी जइसन इंटरनेट कंपनियन के गूगल के प्ले स्टोर से हटावल जाये से बचावे खातिर एगो अंतरिम आदेस पारित करे से इनकार कs देले रहे। कोर्ट में एह ममिला के अगिला सुनवाई 19 मार्च के बा।

ऐप डेवलपर्स के गूगल से अनुरोध, संयम बरतीं

ऐप हटावल गइला के बाद 30 से जादे भारतीय ऐप डेवलपर्स गूगल से संयम बरते के अनुरोध कइल लो कि 19 मार्च तक गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स के मत हटावे। काहेकि, ओ दिन ओकनी के याचिका पs सुनवाई होखे के बा।

सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत ना मिलला के बाद कुछ डेवलपर्स कंपनी के बिजनेस मॉडल आ इकोसिस्टम के अपना लेलस, बाकिर कुछ अइसन ना कइलस। एगो ब्लॉग पोस्ट में गूगल कहलस कि ऊ डेवलपर्स के संगे मिलके काम करे खातिर हमेशा तइयार रहेले।

इन-ऐप पेमेंट चार्ज के विरोध कs रहल बाड़ी सs भारतीय स्टार्टअप

इन-ऐप पेमेंट पs गूगल 11% से 26% तक चार्ज लगवले बा, जवना के भारतीय स्टार्टअप विरोध कs रहल बाड़े सs। ई फीस एंटीट्रस्ट अथॉरिटीज के 15% से 30% के पिछला फीस स्ट्रक्चर के खत्म करे के आदेश के बाद गूगल लगवले बा। गूगल के कहनाम बा कि ओकर फीस एंड्रॉइड आ प्ले स्टोर ऐप इकोसिस्टम के ग्रोथ आ पब्लिसिटी में कंट्रीब्यूट करेला।

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