चंद्रमा पs जहां क्रैश भइल रूस के लूना-25, NASA ने ढूंढ निकलले उ जगह, बनल बड़ गड्ढा

Minee Upadhyay

 

लूना-25 पs नासा : जब भारत के चंद्रयान 3 चंद्रमा के मिशन की ओर बढ़ल। एकरा बाद रूस के लूना 25 अचानक तेज गति से चंद्रमा के ओर चल गईल, लेकिन चंद्रमा के सतह पs दुर्घटनाग्रस्त हो गईल। अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी नासा ओह जगह के खोज कइले बिया जहाँ रूस के चंद्रयान लूना 25 दुर्घटनाग्रस्त भइल रहे।ओह जगहा एगो बड़हन गड्ढा बन गइल बा। रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान भारत के चंद्रयान से पहिले चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पs पहुंचे वाला रहे, लेकिन लैंडिंग से पहिले के कक्षा में जाए के दौरान ओकर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क खतम हो गईल। बाद में पता चलल कि अंतरिक्ष यान बेकाबू होके चंद्रमा के सतह पs गिर गइल। अब नासा के ओह जगह के खोज हो गइल बा जहाँ शायद रूस के लूना 25 दुर्घटनाग्रस्त भइल रहे। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) स्पेसक्राफ्ट में चंद्रमा पs एगो नया गड्ढा के खोज भइल बा। लूना-25 अंतरिक्ष यान 19 अगस्त के दुर्घटनाग्रस्त हो गइल रहे।

नासा देखले बा कि जहाँ ई अंतरिक्ष यान गिरल रहे ओहिजा एगो बड़हन गड्ढा बनल रहे। नासा एगो लेख में लिखले बा कि रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस 21 अगस्त के इंपैक्ट पॉइंट के अनुमानित स्थान प्रकाशित कईले रहे। एलआरओसी टीम आ मिशन ऑपरेशन टीम 22 अगस्त के एलआरओ अंतरिक्ष यान के पकड़े खातिर डिजाइन आ कमांड भेजे में सफल रहल। नासा लिखले बा, एह फोटो के कैप्चर करे के प्रक्रिया 24 अगस्त के दुपहरिया 2.15 बजे से शुरू भईल रहे अवुरी करीब 4 घंटा में पूरा हो गईल।

गड्ढा केतना बड़ हो गइल?

एलआरओसी टीम टक्कर से पहिले आ बाद के तस्वीरन के तुलना कइलस आ एगो छोट नया गड्ढा मिलल। एलआरओ एह इलाका के पहिला बेर जून 2022 में फोटो खींचले रहे। चूँकि ई नया गड्ढा लूना-25 के अनुमानित प्रभाव बिंदु के नजदीक बा, एलआरओ टीम एह निष्कर्ष पs पहुँचल कि ई प्राकृतिक प्रभाव से ना बलुक लूना-25 मिशन से बनल बा। नया गड्ढा के व्यास 10 मीटर बा। ई लूना-25 के लैंडिंग साइट से लगभग 400 किमी दूर बा।

रूस 50 साल बाद चंद्रयान के भेजलस

रूस के लूना-25 1976 के बाद पहिला अंतरिक्ष यान रहे, जवना के चंद्रमा पs भेजे खातीर भेजल गईल रहे। रूस 10 अगस्त के लूना-25 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण कईले रहे। रूस के लक्ष्य रहे कि 21 अगस्त के ओकर अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पs उतरल। जब अंतरिक्ष यान के लैंडिंग से पहिले के कक्षा में लगावल शुरू भईल त उ बेकाबू हो गईल। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के रिपोर्ट में कहल गइल रहे कि थ्रस्टर ओह समय से अधिका समय ले चलल जवना के चलते ऊ सीधे सतह के ओर बढ़ल।

 

 

 

 

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