पद्म भूषण से सम्मानित भइलें गूगल सीईओ सुंदर पिचाई, कहलें- हमार एगो हिस्सा हs भारत, जहां जानी ओहिजा एकरा अपना संगे ले जानी
73वां गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पs गृह मंत्रालय कहलस कि सुंदर पिचाई के पद्म भूषण से सम्मानित कइल जाई। सम्मानित होखला के बाद सुंदर पिचाई कहलें कि हम एह अपार सम्मान खातिर भारत सरकार आ भारत के लोगन के हृदय से आभारी बानी। पिचाई कहलें कि भारत हमार एगो हिस्सा बा।
गुगल आ अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई के बेयपार आ उद्योग श्रेणी में भारत के तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित कइल गइल बा। अमेरिका में भारतीय दूत से प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करत पिचाई कहलें, “भारत हमार एगो हिस्सा हs आ हम जहां जहां कहीं जानी, एकरा के अपना साथे ले जानी।” सुंदर पिचाई सुक के सैन फ्रांसिस्को में अपना करीबी परिवार के सदस्यन के उपस्थिति में पद्म भूषण प्राप्त कइलें।
पिचाई के एह साल के सुरुआत में 17 पुरस्कार विजेता लोगन में से एगो नामित कइल गइल रहे। ओहिजा, भारतीय दूत तरनजीत सिंह संधू कहलें, “सैन फ्रांसिस्को में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के पद्म भूषण सउप के खुसी भइल। मदुरै से माउंटेन व्यू तक के उनकर प्रेरणादाई यात्रा, भारत-अमेरिका आर्थिक आ तकनीकी के मजबूत करत बा। संबंध, वैश्विक नवाचार में भारतीय प्रतिभा के जोगदान के पुष्टि करत बा।”
मिंट के रिपोर्ट के मोताबिक, सुंदर पिचाई कहलें, “हम एह अपार सम्मान खातिर भारत सरकार आ भारत के लोगन के हृदय से आभारी बानी। हमरा आकार देवे वाला देस द्वारा एह तरे से सम्मानित कइल गइल अविश्वसनीय रूप से सार्थक बा। भारत हमार एगो हिस्सा हs। हम जहां कहीं जानी एकरा के अपना संगे ले जानी। (एह खूबसूरत पुरस्कार के उल्टा जवना के हम कहीं सुरक्षित राखेम)।”
ऊ आगे कहलें, “हम सौभाग्यशाली रहनी कि हम एगो अइसन परिवार में पलली-बढ़नी, जे सीखल आ ज्ञान के संजोवल, माई-बाबूजी के संगे, के ई सुनिश्चित करे खातिर बहुत त्याग कइल कि हमरा अपनी रुचियन के पता लगावे के अवसर मिले।” पिचाई कहलें कि तकनीकी परिवर्तन के तेज गति के देखे खातिर बरिसन में कइयन बेर भारत लवटल आश्चर्यजनक रहल बा।
ऊ कहलें कि भारत में कइयन गो नवाचार दुनिया भर के लोगन के लाभान्वित कर रहल बा – डिजिटल भुगतान से लेके वोइस टेक्नोलॉजी तक। सुंदर पिचाई आपन बात जारी रखत आगे कहलें, “हम गूगल आ भारत के बीच महान साझेदारी के जारी रखे के आशा करत बानी, काहेकि हमनी के प्रौद्योगिकी के लाभन के बेसी लोगन तक पहुंचावे खातिर मिलके काम करत बानी।”
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