बिहार में 300 से बेसी निधि कंपनियन के लगे आम लोगन के 200 करोड़ से बेसी रुपिया बा जमा, डूबला के सता रहल बा डर
राज्य में 300 से बेसी निधि कंपनी भोला-भाला जनता से अवैध रूप से पईसा जमा ले रहल बाड़ी सs। एह तरे के कंपनी अब तक 200 करोड़ रुपिया से बेसी राशि लोगन से ले लेले बाड़ी सs। हालांकि, केंद्र सरकार अइसन कंपनियन के जमा लेवे के अनुमति नइखे देले, एह कारण लोगन के जमा पईसा के डूबला के आशंका बा। निधि कंपनियन के जाल पूरा राज्य में फइलल बा। ममिला के गंभीरता के देखत केंद्र राज्य सरकार के एह कंपनियन के खिलाफ कार्रवाई करे के का निरदेस देले बा। केंद्र से मिलल निरदेस के बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग सब जिलाधिकारियन के एह निधि कंपनियन के सर्वे कs के कार्रवाई करे के कहले बा।
कइयन जिलन में लोगन के पइसा लेके फरार हो चुकल बा अइसन कइयन गो कंपनी
मालूम होखे कि एह कंपनियन के निबंधन कॉरपोरेट ममिलन के मंत्रालय (एमसीए) में ऑनलाइन होला। निधि (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत निधि कंपनियन के एनडीएच-4 फॉर्म भरल अनिवार्य होला, ताकि ई पता चल सके कि ऊ केंद्र सरकार के नियम-कायदन के अक्षरश: पालन क रहल बाड़ी सs। ई एक तरे से घोषणापत्र हs। एमे कंपनी के सब सदस्यन के नाम आ पता रहेला। एमसीए में पंजीकृत ओइसन निधि कंपनी, जवन एनडीएच-4 फॉर्म नइखे भरले, ऊ जमा नइखे ले सकत। सूत्रन के कहनाम बा कि बिहार में संचालित 321 कंपनी एनडीएच-4 फॉर्म नइखे भरले, बाकिर धड़ल्ला से लोगन के पईसा जमा ले रहल बाड़ी सs। अइसन कंपनियन में पईसा जमा कइल खतरा से खाली नइखे।
ज्यादातर कंपनी ग्रामीण इलाकन में बाड़ी सs सक्रिय
अधिकतर निधि कंपनी ग्रामीण क्षेत्रन में काम कर रहल बाड़ी सs। ई स्थानीय बेरोजगार जुवकन के कमीशन पs रखत बाड़ी सs। ऊ छोट-छोट राशि जमा करवावे खातिर प्रेरित करेली सs। सुरुआत में लोगन के जमा पs अच्छा रिटर्नो मिलेला आ जब जमा राशि बेसी हो जाला, तs एक दिन चंपत हो जाली सs। पिछला कुछ सालन के दौरान बक्सर,समस्तीपुर आ मुजफ्फरपुर जिलन में अइसने कइयन गो फर्जी कंपनी गरीबन के जमा पूंजी लेके भाग चुकल बाड़ी सs।
निधि कंपनी का होली सs आ कइसे जुटावेली सs धन
निधि कंपनी एक प्रकार के पब्लिक लिमिटेड कंपनी होला। एकरा के स्थायी निधि, लाभ निधि, म्युचुअल बेनिफिट फंड आ म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी के रूपो में जानल जाला। अइसन कंपनी खाली शेयरधारक-सदस्यन के बीचे लेन-देन कs सकत बाड़ी सs। आम जनता से सीधे पइसा नइखे ले सकत। निधि कंपनी सुरू करे खातिर 10 लाख के न्यूनतम पूंजी चाहीं। एक साल में 200 सदस्य होखे के चाहीं। एकरा के कॉरपोरेट ममिलन के मंत्रालय से लाइसेंस मिलत बा आ मंत्रालये रेगुलेट करत बा। एकरा रिजर्व बैंक से मंजूरी ना चाहीं।
सबसे बेसी 85 निधि कंपनी वाला जिला पटना
राज्य के लगभग सब जिलन में निधि कंपनी काम कर रहल बाड़ी सs। एमे सबसे बेसी 85 निधि कंपनी पटना जिला में बा। दूसरा स्थान पs समस्तीपुर, तीसरा पs मुजफ्फरपुर आ चौथा स्थान पs वैशाली बा। कंपनी ऑफ रजिस्ट्रार कार्यालय के सूत्रन के अनुसार अधिकतर कंपनी आपन पता गलत देले बाड़ी सs। ई खुलासा सर्वे के दौरान भइल बा।
हाइकोर्ट कs चुकल बा जवाब-तलब
बिहार में कथित तौर पs अनधिकृत रूप से चल रहल निधि कंपनियन के सिलसिला में पटना हाइकोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक आ केंद्र सरकार के कॉरपोरेट ममिला के सचिव से जवाब तलब कs चुकल बा। न्यायमूर्ति संदीप कुमार के एकलपीठ प्रेम कुमार सैनी आ आउर के अग्रिम जमानत याचिका पs सुनवाई करत ओह आदेश के संगे आरबीआइ (पटना क्षेत्र) के मार्केटिंग इंटेलीजेंस अफसर आ केंद्र सरकार के तरफ से कम्पनियन के निबंधको के एह ममिला के अगिला सुनवाई में हाजिर होखे के निरदेस देले बा। सुनवाई के दौरान कोर्ट के जानकारी दिहल गइल कि सूबा में चल रहल निधि कम्पनियन के निबंधन खाली कम्पनी के तौर पs भइल बा। एकरा के “निधि’ के रूप में जवन मान्यता मिले के चाहीं, ओकरा बारे में कवनो जानकारी कार्यालय के लगे नइखे।
धड़ल्ले से हो रहल बा ऑनलाइन निबंधन
राज्य के तरफ से अधिवक्ता अजय कोर्ट के सइयन निधि कंपनियन के एगो फेहरिस्त के सउपले, जवना के भारत सरकार से निधि के दर्जा मिलल बा भा नहीं इसका खुलासा नहीं है. ऑनलाइन निबंधन के जरिये धड़ल्ले से कंपनियों का निबंधन हो रहा है, जिसके आगे ये कम्पनियां निधि शब्द लगा कर व्यवसाय कर रही हैं.
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