बम्बई हाईकोर्ट के फैसला, महतारी के बच्चा चाहे कैरियर चुने खातिर नईखे कईल जा सकत मजबूर
बम्बई हाईकोर्ट के कहनाम बा कि महतारी के बच्चा अवुरी कैरियर के बीच चुनाव करे खाती मजबूर नईखे कईल जा सकत। अदालत इ टिप्पणी अपना पति के संगे वैवाहिक विवाद में फंसल एगो महिला के अपना 9 साल के बेटी के संगे पोलैंड शिफ्ट करे के अनुमति देत बिया।
का बा मामला
दरअसल, महिला के पोलैंड के क्राको में नौकरी मिलल रहे। एही कारण उ अपना बेटी के संगे उहाँ शिफ्ट करे खाती कोर्ट से अनुमति मंगले। महिला अवुरी ओकरा पति के बीच वैवाहिक विवाद के चलते पति ए याचिका के विरोध कईले।
उ कहले कि जदी बच्चा उनुका से छीन लिहल गईल त उ ओकरा से अब कबो ना देखाई दिही। साथही कहल गइल कि रूस आ यूक्रेन का बीच जारी युद्ध के देखत पोलैंड के हालात खराब बा.
जज भारती डांगरे ए मामला में 8 जुलाई के फैसला सुनवले। उ कहले कि, एक ओर एगो पिता बाड़े, जवन कि अपना बेटी के शिफ्ट होखे के सोच के सतावत बाड़े, जबकि दूसरा ओर एगो महिला बाड़ी, जवन कि आगे बढ़ल चाहतारे। कोर्ट के कहनाम बा कि बेटी अवुरी बाप के प्यार जईसन कवनो खास बात कबहूँ नईखे भईल, लेकिन कवनो अदालत महिला के कैरियर के संभावना से इनकार नईखे क सकत।
कोर्ट कहलस कि अभी तक लईकी के कस्टडी महतारी के लगे बा, जवन कि ओकरा के अकेले पालन-पोषण कईले बिया अवुरी लईकी के उमर के देखत जरूरी बा कि उ अपना महतारी के संगे जाए। कोर्ट पति के दलील के भी माने से इनकार क देलस कि जदी अब लईकी के दोसरा देश में ले जाइल जाई त उनुका चिंता होई।
कोर्ट कहलस कि, बच्चा के माता-पिता के संगे शिफ्ट होखल कवनो असामान्य बात नईखे। इहो कवनो नया बात नइखे कि कवनो कामकाजी महिला अपना जिम्मेदारी का चलते अपना बच्चा के डे-केयर सुविधा में छोड़ के चल जाव. वर्तमान मामला में महिला के महतारी भी बच्चा के देखभाल करे खाती शिफ्ट हो रहल बा।
कोर्ट महिला के दिहलस आदेश
अदालत महतारी के अपना 9 साल के बेटी के पोलैंड ले जाए के अनुमति दे देलस। संगही महिला के पोलैंड में स्कूल के छुट्टी के दौरान लईकी के भारत ले आवे के आदेश दिहल गईल अवुरी संगही अपना पिता के संगे फिजिकल अवुरी वर्चुअल करावे के आदेश दिहल गईल।
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