Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

गुजरात दंगा : गुजरात दंगा में आरोप लगावे वाला लोग प सुप्रीम कोर्ट का कहलस, असंतुष्ट अधिकारी के काहें कहलस अतना बड़ बात?

340

2002 के गुजरात दंगा में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अवुरी बाकी आरोपी के विशेष जांच दल (एसआईटी) के ओर से दिहल गईल क्लीन चिट के सुप्रीम कोर्ट सही ठहरवले बिया। बियफे का दिने एह मामिला के सुनवाई करत घरी शीर्ष अदालत जकिया जाफरी के याचिका के खारिज कर दिहले रहुवे. एकरा अलावे एसआईटी के रिपोर्ट प सवाल उठावे अवुरी आरोप लगावे वाला लोग के खिलाफ कोर्ट कड़ा टिप्पणी कईले बिया।

सुप्रीम कोर्ट कहले बा कि गुजरात में साल 2002 में भईल दंगा अवुरी ओकरा प एसआईटी के रिपोर्ट प झूठा खुलासा करेवाला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करे के जरूरत बा। शीर्ष अदालत कहलस कि, राज्य सरकार के ए तर्क में मेरिट बा कि मामला के सनसनीखेज अवुरी राजनीतिकरण खाती झूठा गवाही दिहल गईल। दरअसल, ए मामला में संजीव भट्ट (तब आईपीएस अधिकारी), हरेन पांड्या (गुजरात के पूर्व गृहमंत्री) अवुरी आरबी श्रीकुमार (अब सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी) गवाही देले रहले।

भट्ट अवुरी पंड्या झूठा दावा कईले

सुप्रीम कोर्ट कहले रहे कि संजीव भट्ट अवुरी हरेन पांड्या खुद के चश्मदीद गवाह के रूप में पेश कईले अवुरी दावा कईले कि इ बयान कथित तौर प तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दिहल बा। एसआईटी अधिकारी लोग के ए दलील के खारिज क देले रहे। कोर्ट कहलस कि, गुजरात सरकार के संगे-संगे अवुरी लोग के असंतुष्ट अधिकारी के संयुक्त प्रयास रहे कि जब उनुकर जानकारी झूठ प आधारित रहे त सनसनी पैदा कईल जाए।

अधिकारियन का खिलाफ कार्रवाई के जरूरत बा

कोर्ट कहलस कि, “एकर गुप्त मकसद से मामला के जारी राखे खाती न्यायिक प्रक्रिया के गलत इस्तेमाल कईल गईल।” कोर्ट कहलस कि, जवन अधिकारी खराब नीयत से अयीसन करेले, ओकरा के कानून के दायरा में ले आवल जाए अवुरी ए लोग प कार्रवाई होखे के चाही।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.