पीरियड्स हर महिला के सरीर के एगो प्राकृतिक आ महत्वपूर्ण हिस्सा होला। महिला लोगन के मेंस्ट्रुअल साइकिल 21 से 35 दिनन के होला आ पीरियड्स 3 से 7 दिन तक चलेला। हालांकि, कुछ महिला लोगन में पीरियड्स खाली 2 दिन में खत्म हो जाला। ई इस्थिति कइयन गो महिला खातिर चिंता के विषय बन सकत बा। कइयन बेर ई एगो सामान्य शारीरिक प्रक्रिया हो सकत बा, बाकिर कबो-कबाे एकरा पीछे कवनो मेडिकल कारणो हो सकत बा। आई एकरा बारे में जानल जाव…
पीरियड्स के समय आ अवधि महिला लोगन के देह, लाइफस्टाइल आ स्वास्थ्य पs निर्भर करत बा। कुछ महिला लोगन के पीरियड हर महीना समय पs आ सामान्य अवधि के होला, जबकि कुछ के पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकत बा आ ओकर अवधि कम हो सकत बा। अगर कवनो महिला के पीरियड्स अचानके 2 दिन में खत्म होखे लागल आ अइसन लगातार होखे के लागल, तs एकरा पीछे कवनो कारण हो सकत बा, जवना के समझल जरूरी बा। आईं पहिले जान लिहल जाव कि मेंस्ट्रुअल साइकिल कइसे काम करेला।
का हs मेंस्ट्रुअल साइकिल
सफदरजंग अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में डॉ. सलोनी चड्ढा बतावेली कि मेंस्ट्रुअल साइकिल एगो जटिल प्रक्रिया हs, जवना से हॉर्मोन कंट्रोल होला। ई आमतौर पs 28 दिन के होला, बाकिर ई 21 से 35 दिन तक के बीच सामान्य मानल जाला। एह साइकिल के चार मुख्य चरण होला। पहिला चरण होला मेंस्ट्रुअल फेज, ई ऊ समय होला जब यूटरस के अंदरूनी परत देह से बाहर निकलेला, जवना के वजह से ब्लीडिंग होला। ई आमतौर पs 3 से 7 दिन तक चलेला।
दूसरका हs फॉलिक्यूलर फेज, एह चरण में ओवरी में अंडाणु के विकास होला आ ई ओव्यूलेशन के तइयारी करेला। तीसरका होला ऑव्यूलेशन फेज, एह दौरान ओवरी से अंडाणु निकलेला आ जदि ओकरा के स्पर्म मिलत बा तs प्रेगनेंसी के इस्थिति हो सकत बा। आखिरी चरण होला ल्यूटल फेज, जदि प्रेगनेंसी के इस्थिति ना होला तs हॉर्मोनल बदलाव के कारण यूटरस के परत टूटे लोगेला, जवना से अगिला मेंस्ट्रुअल साइकिल सुरू होला। आईं जानल जाव, कवना कारणन से पीरियड्स जल्दी खत्म हो सकत बा।
पीरियड्स जल्दी खत्म होखला के का कारण बा?
प्रेगनेंसी :
जदि राउर पीरियड्स बहुत हल्का बा भा 2 दिन में खत्म हो गइल बा, तs ई प्रेगनेंसी के संकेत हो सकत बा। कुछ महिलन के प्रेगनेंसी के सुरुआती दिनन में हलुका स्पॉटिंग होला, जवना के इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहल जाला। जदि रउआ पीरियड्स में बदलाव दिखे, तs प्रेगनेंसी टेस्ट करावल बेहतर रही।
ब्रेस्ट फीडिंग :
जे महिला ब्रेस्ट फीडिंग करवा रहल होली, उनका देह में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन जादे मात्रा में बनेला, जवना से पीरियड्स प्रभावित हो सकत बा। कइयन बेर ब्रेस्ट फीडिंग करावे वाली महिलन के पीरियड्स बहुत हल्का आ कम होला।
ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव आ आउर दवा :
ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियन के सेवन करे वाली महिला लोगन के पीरियड्स कम दिनन तक चल सकत बा भा बहुत हल्का हो सकत बा। एकर अलावे, कुछ दवा हॉर्मोनल इम्बैलेंस के कारण बन सकत बा, जवना से पीरियड्स के अवधि प्रभावित हो सकत बा।
मेडिकल कंडीशन :
कुछ मेडिकल कंडीशन्स जइसे पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), थायरॉयड समस्या, एनीमिया, डायबिटीज आ एंडोमेट्रियल एट्रोफी के कारण पीरियड्स के अवधि कम हो सकत बा। जदि ई समस्या बेर-बेर हो रहल बा, तs डॉक्टर से सलाह लिहल जरूरी बा।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल :
अनहेल्दी खानपान, खराब लाइफस्टाइल आ मोटापा के कारण हॉर्मोनल बदलाव हो सकत बा, जवन पीरियड्स के समय के प्रभावित कs सकत बा।
बचाव के तरीका
- हेल्दी डाइट लीं, जवना से देह के पर्याप्त पोषण मिली।
- मेडिटेशन, एक्सरसाइज आ योग अपनाई।
- जदि ई समस्या लगातार बनल बा, तs मेडिकल जांच कराई।
- जदि पहिला पीरियड्स 3 से 7 दिन चलत बा आ अब 2 दिन के साइकिल बा जांच जरूर कराई।
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साभार: टीवी9