बदलत मौसम भलही कड़ाका के सर्दी से राहत दिलवले बा, बाकिर मौसम में बदलाव के संगही अब सर्दी-जुकाम के ममिला तेजी से बढ़े लागल। एह दौरान सर्दी जुकाम हो जाला, तs ई बहुते बड़ सिरदर्द के कारण बन जात बा।
जुकाम असल में नाक आ गला के संक्रमण हs, जवन कि 200 से जादे रेस्पिरेटरी वायरस के कारण होला। ई तेजी से एक आदमी से दूसरका आदमी में फइलल बा। संक्रमित व्यक्ति के छींक आ खांसी के ड्रॉपलेट से ई दूसरका व्यक्ति में आसानी से फइल जाला। एतनही ना संक्रमित स्थान के छू देला भर से ई फइल जाला। आईं रउआ के बतावत बानी सs कि आखिर ई काहे होला? जुकाम का हs एकर इम्युनिटी से कनेक्शन-
जुकाम के लक्षण
- नाक से पानी बहल
- छींकल
- गला में दरद
- सिरदर्द
- बदन दर्द
- खांसी
गंभीर ममिलन में जुकाम बढ़के अइसन रूप ले सकता बा
- मिडिल ईयर इन्फेक्शन
- अस्थमा अटैक
- साइनस इन्फेक्शन
- न्यूमोनिया
- सीओपीडी
का होला जुकाम?
अधिकतर जुकाम जइसन संक्रमण राइनोवायरस के कारण होला। ई नेजल पैसेज के अंदर मवजूद सेल्स से जाके चिपक जाला, फेर ई उहे रिप्लीकेट होखल सुरू हो जात बा। एकरा से अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में वायरस तेजी से फइलेला आ एह तरे संक्रमण बढ़त जात बा।
कुछ शोध अइसन बतावत बा कि राइनोवायरस 37° C से कम तापमान पs तेजी से रिप्लीकेट होला। नेजल पैसेज के अंदर के तापमान लगभग 33°C तक होला जवन कि राइनोवायरस खातिर एगो परफेक्ट माहौल बनावत बा। हालांकि एह शोध पs अभियो आ पुष्टीकरणो बाकी बा।
सर्दी भा बदलत मौसम में लोग अक्सर अपना घर के भीतर रहेला, जवना से पर्याप्त वेंटिलेशन ना मिलेला। एसे संक्रमित वायरस के ट्रांसमिशन आसानी से हो जाला।
विटामिन डी के कमी के वजह से इम्युनिटी कमजोर हो जाला। अइसन में इम्युनिटी कमजोर होखला से देह के वायरस से लड़े के क्षमता कमजोर हो जाला, जवना से वायरस तेजी से अटैक करेला आ देह में आपन जगह बना लेला।
जुकाम से बचे खातिर का करीं
एह तरे कमजोर इम्युनिटी वाला लोगन के तेजी से जुकाम हो जाला। एहिसे एकरा से बचे खातिर शरीर के हाइड्रेटेड रखीं, खांसत भा छींकत समय साफ कपड़ा के नाक आ मुंह पs रखीं, जूठ मत खाईं। नियमित रूप से हाथ धुलीं, विटामिन सी आ मिनरल युक्त फल आ सब्जियन के सेवन करीं, जवना से इम्युनिटी बूस्ट होखे।
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