न्यायमूर्ति आलोक माथुर के एकल पीठ ई फैसला मनीषा कनौजिया अउर एगो दूसरे के याचिका पर दिहलस। याचियन के कहनाम रहल कि ऊ बाराबंकी जिले के आंगनबाड़ी केंद्र सिटी गुलेरिया गरदा में बतौर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत बाड़ी।
उनके प्रशासन स्थानीय निकाय चुनाव में बतौर बूथ लेवल अफ सर (बीएलओ) के ड्यूटी में लगवले बा। ई केंद्र अउर राज्य सरकार के आदेश अउर निर्देश के खिलाफ बा। एह तैनाती से क्षेत्र में बचवन अउर माता लोग के स्वास्थ्य के देखभाल के व्यवस्था प्रभावित होई। याचियन के तर्क रहल कि चुनाव के काम में अन्य ग्राम स्तर के कर्मियन के लगावल जा सकsता।
ओंने, डीएम अउर अन्य पक्षकारन के ओर से जवाब में कहल गइल कि चुनाव के काम सर्वोच्च अहमियत वाला बा। अइसे में सब अफसरन के एमें सहयोग करे के होला। एह पर कोर्ट कहलें कि एह कार्यकर्ता के काम काफी अहमियत वाला होला। एकर चुनाव या कौनो दूसर काम में ड्यूटी से धात्री, गर्भवती समेत अन्य के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ी। एह टिप्पणी के साथ कोर्ट आपन आदेश जारी कs देहलस।