ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी वाद सुनवाई लायक बा कि नाइ, एह पर आजु वाराणसी जिला जज के अदालत में फैसला होई। तीन महीना से बेसी समय ले चलल सुनवाई में दूनों पक्ष आपन दलील दे देहले बा। हिंदू पक्ष के ओर से एह मामला के सुनवाई लायक करार देवे खातिर कई साक्ष्य प्रस्तुत कइल गइल। ओंने मुस्लिम पक्ष एह वाद के खारिज करावे खातिर अदालत के सबूत सौंपले बा। बहुते महत्वपूर्ण एह मामला में बहस के दौरान मुगल आक्रांता औरंगजेब ले के आदेश के हवाला दिहल गइल बा।
सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के ओर से ज्ञानवापी परिसर में करावल गइल सर्वे के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट चल गईल रहे। एकरे बाद सुप्रीम कोर्ट जिला जज के अदालत के ऑर्डर 7 रूल 10 के तहत सुनवाई के आदेश दिहले रहे। एह मामिला में न्यायालय एह बात पर सुनवाई करत रहे कि आजादी के समय विशेष उपासना स्थल कानून ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में लागू होला कि नाइ।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी कहलें कि आदेश अपने पक्ष में आई, एहमें कौनो सुबहाँ नाइ बा काहेसेकि सब साक्ष्य हमनीके ओर से बा। कोर्ट स्वीकार करी कि ई मामला चले लाएक बा। गौरतलब बा कि काशी विश्वनाथ मंदिर अउर ज्ञानवापी मस्जिद के लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमा अलग-अलग कोर्ट में चल रहल बा।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ता मुमताज अहमद कहलें कि आदेश जौन भी आई, ओके मानल जाई। कोर्ट के आदेश ही मानल जाई, ओकरे बाद जौन प्रक्रिया होई, उ कइल जाई।
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