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योजना के रूप-रेखा तइयार करे के मवका देला स्थापना दिवस: कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल

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परंपरा के स्मरण, वर्तमान प्रगति के मूल्यांकन आ भविष्य के

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर बुध के आपन 74वां स्थापना दिवस पs धूमधाम से कार्यक्रम के आयोजन कइलस। एह कार्यक्रम में अध्यक्षता कs रहल कुलाधिपति आ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ऑनलाइन जुड़ली। ऊ सभे के स्थापना दिवस के हार्दिक बधाई आ सुभकामना देली।

अपना उद्बोधन में कुलाधिपति कहली कि कवनो सभ्यता, कवनो देस, कवनो नगर के जइसन संस्था के इतिहास में स्थापना दिवस के विशेष महत्व होला। ऊ दिन ओकर जिनगी यात्रा के प्रस्थान बिंदु होला आ ओकरा मूल्यांकन के पहिला मानको होला। स्थापना दिवस के आयोजन से जहां परंपरा के स्मरण होला तs ओहिजा वर्तमान प्रगति के मूल्यांकन आ भविष्य के योजनन के रूप-रेखा तइयार करे के अवसरो प्राप्त होला।

ऊ कहली कि गोरखपुर के पावन धरा के आपन एगो विशिष्ट ऐतिहासिक, सांस्कृतिक आ आध्यात्मिक महत्व बा। ई महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोरक्षनाथ, संत कबीर दास आदि कइयन गो महापुरूषन के पवित्र भूमि रहल बा। हम अइसन पावन धरती के नमन करत बानी।

यूजीसी से कैटेगरी-I दर्जा हासिल कइल गौरव के बात

कुलाधिपति आ राज्यपाल आगे कहली कि विश्वविद्यालय सात दशकन से जादे के आपन अनवरत यात्रा में समाज के सब क्षेत्रन में सशक्त उपस्थिति दर्ज करवले बा। ई रउआ सभे के कार्य कुशलता के परिणाम हs कि दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में ‘ए प्लस प्लस’ श्रेणी प्राप्त कs के देस के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयन के सूची मे आपन नाम दर्ज करवले बा। अभी हाले में क्यू०एस०वर्ल्ड रैंकिंग में दक्षिण एशिया क्षेत्र में दु सौ अट्ठावनवीं (258वीं) रैंक प्राप्त कs के उल्लेखनीय सफलता अर्जित कs के दोबारा अपना आपके प्रमाणित कइले बा।

नया शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में ई विश्वविद्यालय प्रदेश के सब राज्य विश्वविद्यालयन में अग्रणी भूमिका के निर्वहन कइले बा। नया पाठ्यक्रमन के निर्माण कs के विश्वविद्यालय ‘विकसित भारत’ के परिकल्पना के साकार करे के दिशा में महत्वपूर्ण डेग बढ़वले बा।

सामर्थ्य के उपयोग के संगे नीयत आ इच्छाशक्ति होखल जरूरी

इच्छाशक्ति ना होखला से जिनगी में सही नतीजा ना मिल पवेला। एहिसे अपना इच्छाशक्ति के बना के रखीं। देस के प्रेरित करे वाला, प्रोत्साहित करे वाला नागरिकन के निर्माण शिक्षा के अइसने संस्थानन में होला। विश्वविद्यालय खाली शैक्षणिक क्षेत्र में ना, बलुक सांस्कृतिक आ खेल गतिविधियन में अग्रणी स्थान प्राप्त करे वाला विद्यार्थियन के पुरस्कृत कइले बा। विद्यार्थियन के बहुमुखी विकास हमनी के प्रतिबद्धता होखे के चाहीं।

पुरातन छात्र, मातृ संस्था के विकास में करे लो योगदान

विश्वविद्यालय कावर से आज सम्मानित विशिष्ट पुरातन विद्यार्थियन के बधाई देत बा। ई पुरातन छात्र हमनी के सांस्कृतिक दूत हs लो। इहे हमनी के क्षमता, मेधा, दक्षता के प्रबल प्रमाण बा, संबल बा। पुरातन छात्र मातृ संस्था के विकास में आपन योगदान करे लो।

महामहिम विश्वविद्यालय के शैक्षणिक यात्रा खातिर मंगलकामना देत आशा व्यक्त कइली आ कहली कि अगिला साल जब रउआ सभे स्थापना के हीरक जयंती बरिस में प्रवेश करी तs उपलब्धियन कमें एगो स्वर्णिम आलोक खातिर तइयार मिली।

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