लखनऊ। होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रो. एके वर्मा के निलंबन के बाद अब उनका कार्यकाल से जारी मेडिकल स्टोर (Medical Store) के लाइसेंसन के जांच होई। एकरा खातिर पत्रावलियन के इकट्ठा कइल जा रहल बा। ओने, सुक के दूसरको दिन निदेशक पद के चार्ज कवनो चिकित्साधिकारी के नइखे दिहल जा सकल।
प्रदेश में करीब 20 हजार से जादे होम्योपैथी के मेडिकल स्टोर बा। जवना मंडलन में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) नइखे, उहा के लाइसेंस निदेशालय से जारी होत रहल बा। बतावल जा रहल बा कि अलग-अलग मंडलन के जिलन में प्रो. एके वर्मा के कार्यकाल में निदेशालय से लाइसेंस जारी कइल गइल बा। अब उनका निलंबन के बाद संबंधित स्टोरन के जांच करावे के तइयारी सुरू हो गइल बा। सूत्रन के कहनाम बा कि आयुष महानिदेशालय एह संबंध में होम्योपैथी निदेशालय से पत्रावलियन के मंगलं बा। जांच में जवना स्टोर से जुड़ल पत्रावलियन में कमी पावल जाई, ओकरा के रद्द कइल जाई।
Medical Store : संबद्धता से जुड़ल ममिलन के होई जांच
तबादला प्रक्रिया रद्द होखला के बाद महानिदेशालय से कइयन गो चिकित्सकन के अलग-अलग कारण बतावत संबद्धता दिहल गइल बा। निदेशक प्रो. एके वर्मा के निलंबन के बाद एकर नया सिरा से जांच होई। जवना लोगन के संबद्धता में अनियमितता अथवा वाजिब कारण ना मिली, ओकरो के निरस्त करे के तइयारी बा। एकरा के लेके विभाग में हलचल मचल बा।
Medical Store : डिस्पेंसरी से गायब मिलला पs होई सख्त कार्रवाई
प्रदेश में डॉक्टरन के उपस्थिति के लेके डिजिटल हाजिरी प्रणाली लागू बा। एफएसडीए आ आयुष राज्यमंत्री डाॅ. दयाशंकर मिश्र दयालु निरदेस देले बाड़ें कि डिस्पेंसरी से गायब रहे वाला डॉक्टरन के खिलाफ सख्त कार्रवाई कइल जाई। सब डॉक्टर नियमित समय पs अस्पताल पहुंचे लो आ डिजिटल हाजिरी लगावे लो। जिला होम्योपैथी अधिकारी अपना जिला के डिस्पेंसरी (Medical Store) के जांच करे लो। गोपनीय जांच में डॉक्टर के अनुपस्थित पावल गइला पs जिला होम्योपैथी अधिकारियन के जिम्मेदारी तय कइल जाई।