Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

अब आनलाइन डिग्री होई परंपरागत डिग्री के बराबर, यूजीसी कइलस नयका नियम के घोषणा

831
Google Ads 300*250 for posts

देश में लाखन के तादाद में आनलाइन डिग्री अउर डिस्टेंस लर्निंग डिग्री खातिर एडमिशन लेवे वाले इच्छुक लोग खातिर खुशखबरी बा। विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के कहनाम बा कि अब मान्यता प्राप्त संस्थान से हासिल कइल गइल डिस्टेंट लर्निंग अउर आनलाइन पाठ्यक्रम के डिग्री भी परंपरागत डिग्रियों के बराबर मानल जाई।

विश्वविद्यालय के स्नातक अउरी परास्नातक डिग्रियन के भी मान्यता

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव रजनीश जैन शुक्रवार के बतवलें कि परंपरागत तरीका से विश्वविद्यालयन अउर कालेजन से मिले वाली स्नातक अउरी परास्नातक डिग्रियन के ही तरे साल 2014 में यूजीसी की अधिसूचना के तहत ओपन अउरी डिस्टेंस लर्निंग से जुड़ल विश्वविद्यालयन के स्नातक अउरी परास्नातक डिग्रियन के भी मान्यता मिली। एकरे अलावा, उच्च शिक्षण संस्थान के आनलाइन पाठ्यक्रम के भी ओतने महत्व मिली।

एह नियम के तहत लिहल गइल फैसला

उनके परंपरागत तरीका से परास्नातक डिप्लोमा कोर्स अउरी पत्राचार से होखे वाले (कारास्पांडेंस) कोर्स जेतने महत्ता मिली। बतावल जाsता कि आनलाइन चाहे डिस्टेंट लर्निंग कोर्स में कुल भारतीय छात्रन के 25 फीसदी छात्र पंजीकृत होलें। एहमें से कुछ लोग अइसन होला जे नौकरी करत ई पढ़ाई करत रहेनें। रजनीश जैन बतवलें कि ई फैसला यूजीसी (मुक्त अउरी दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम अउरी आनलाइन कार्यक्रम) के नियमन के नियम 22 के तहत लिहल गइल बा।

325300cookie-checkअब आनलाइन डिग्री होई परंपरागत डिग्री के बराबर, यूजीसी कइलस नयका नियम के घोषणा

ईमेल से खबर पावे खातिर सब्सक्राइब करीं।

Google Ads 300*250 for posts

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Google Ads 300*250 for posts

Comments are closed.