गोरखपुर। हिंदू धरम में तुलसी मइया के बहुत बड़ मान-सम्मान बा। तुलसी के पूजा देवी-देवता जइसने कइल जाला। एह साल तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर 2025, बियफे के दिन पड़ रहल बा, ई दिन भगवान विष्णु के पूजा खातिर बहुते सुभ मानल जाला। भगवान श्रीहरि के तुलसी बहुते प्रिय बा, एकरा से एह दिन के महत्व आदर बढ़ जाला।
जरूर करीं ई काम
अबकि बेर तुलसी पूजन दिवस बियफे के दिन पड़ रहल बा, एह चलते सबेरे पियर रंग के कपड़ा पहिनल जा सकेला। ओकरा बाद तुलसी मइया के विधि-विधान से पूजा करीं। तुलसी के 3 भा 7 बेर परिक्रमा करीं। एह उपाय से तुलसी मइया के संगे-संगे भगवान विष्णु के किरपा मिलेला आ जिनगी में सुख-समृद्धि आवेला।
नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाई
तुलसी पूजन दिवस के दिन सूरज ढलला के बाद तुलसी मइया के सामने गाय के घी के दीया जरूर जराईं। मान्यता बा कि अइसन करे से घर में मवजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाला आ सकारात्मक ऊर्जा के संचार बनल रहेला।
एह बातन के रखीं खास ध्यान
सुभ फल पावे खातिर कुछ नियमन के पालन जरूरी बा। बिना नहइले तुलसी मइया के स्पर्श मत करीं। सूरज ढलला के बाद तुलसी में पानी मत चढ़ाईं। अतवार, अमावस्या आ एकादशी के दिने तुलसी में जल अर्पित कइला से बांचल ठीक बा।
तुलसी माता के मंत्र (Tulsi Mantra)
1. “ॐ तुलस्यै नमः”
2. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
3. तुलसी गायत्री –
ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
4. तुलसी स्तुति मंत्र –
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
5. तुलसी नामाष्टक मंत्र –
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
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