Telecom Bill 2022 Draft: OTT प्लेटफॉर्म के टेलीकॉम लाइसेंस के तहत ले आवे के प्रस्ताव, ट्राई से मांगल गइल

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भारतीय दूरसंचार विभाग ने प्रस्तावित भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 (Indian Telecom Bill 2022) के ड्राफ्ट की सार्वजनिक घोषणा कर दी है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनकेशंस (DoT) ने इस बिल के फ्रेमवर्क पर दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से 20 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं। प्रस्तावित बिल के अनुसार ओवर-द-टॉप (OTT) की परिभाषा बदलने और इन्हें टेलीकॉम लाइसेंस के तहत लाने का प्रस्ताव रखा गया है।

सर्विस चार्ज हटाई सरकार

टेलीकॉम सेक्टर के ग्लोबल कॉम्पिटिटिव बनावे खातिर ई ड्राफ्ट जारी कइल गइल बा। एकरा मोताबिक जरूरत पड़ला पs स्पेक्ट्रम आवंटन भा नीलामियो के फसीला संभव बा। संगही ग्राहकन के हित के धेयान में राखत टेलीकॉम कंपनियन के मनमानी करे से रोकल जाई। सरकार एकरा खातिर टेलीकॉम कंपनियन के फीस, पेनल्टी, आ आउर सर्विस चार्जेस के पूरा तरे से हटा सकेले।

OTT के परिभाषा बदलला पs फोकस

दूरसंचार विभाग के नया विधेयक मसौदा के मोताबिक ओवर-द-टॉप (OTT) के परिभाषा बदले आ एकरा के टेलीकॉम लाइसेंस के तहत ले आवे के प्रस्ताव रखल गइल बा। माने इंटरनेट कॉलिंग आ मैसेजिंग एप व्हाट्सएप, सिग्नल, टेलीग्राम, स्काईप के संगे-संगे सभे इंटरनेट आधारित कॉलिंग एप लाइसेंस फीस के दायरा में आई।

ट्राई से पहिलहु मांगल गइल रहे राय

बता दीं कि पिछलके महीने दूरसंचार विभाग ट्राई से इंटरनेट कॉलिंग आ मैसेजिंग एप के रेगुलेट करे खातिर राय मंगले रहे। दूरसंचार विभाग के एगो अधिकारी कहले रहस कि दूरसंचार विभाग व्हाट्सएप, सिग्नल, गूगल मीट जइसन इंटरनेट कॉलिंग आ मैसेजिंग एप के अच्छा से रेगुलेट करे खातिर एगो ढांचा तइयार कर रहल बिया आ एकरा खातिर ट्राई से एह बारे में विचार मांगल गइल बा।

समान सेवा-समान नियम के लागू करे के होत रहे मांग

दरअसल, बहुत समय से टेलीकॉम ऑपरेटर्स सरकार से इंडस्ट्री में समान सेवा-समान नियम के सिद्धांत के लागू करे के मांग कर रहल बा लो। टेलीकॉम ऑपरेटर्स के कहनाम बा कि इंटरनेट कॉलिंग आ मेसेजिंग एपो के टेलीकॉम कंपनियन के बराबर लाइसेंस फीस के भुगतान करे के चाहीं।

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