Solar And Lunar Eclipse In India, Surya Aur Chandra Grahan : अबकी बेर सितंबर महीना में विशेष खगोलीय संयोग बनत बा। भादो पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्रग्रहण लागी। ओहिजा अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण के दुर्लभ योग बनत बा। सात सितंबर 2025 भाद्रपद पूर्णिमा अतवार के दिन चंद्र ग्रहण लागी। ओहिजा 21 सितंबर के आंशिक सूर्य ग्रहण लागी। सूर्य आ चंद्र ग्रहण के बहुत जादे ज्योतिषीय आ वैज्ञानिक महत्व होला। आईं जानल जाव, सूर्य आ चंद्र ग्रहण के भारत पs का प्रभाव रही…
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) – चंद्र ग्रहण के स्पर्श रात 9:57 बजे, मध्य रात्रि 11:41 आ मोक्ष रात्रि 1:27 बजे होई। चंद्र ग्रहण में नव घंटा पहिलही सूतक लाग जाला। ग्रहण के सूतक सात सितंबर अतवार के दिन में 12:57 पऽ लागी जवन 7 सितंबर के रात 1:27 पs खत्म होई। अइसन में मंदिर के पट 8 सितंबर 2025 सोमार के दिने भोर में खोलल जाई। चंद्र ग्रहण के भारत के संगे अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्द महासागर, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर में देखल जाई। भारत में ई ग्रहण दिखाई दी जवना वजह से ग्रहण के सब नियम मान्य होई।
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)– भारतीय समय के मोताबिक 21 सितंबर के रात 11 बजे से सूर्य ग्रहण सुरू होई। एकर समापन 22 सितंबर के 3 बजके 24 मिनट पऽ होई। ग्रहण के कुल अवधि 4 घंटा 24 मिनट के होई। ई सूर्य ग्रहण भारत में ना लउकी। ई ग्रहण अमेरिका, समोआ, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी आ अटलांटिक महासागर जइसन क्षेत्र में देखल जा सकी। सूर्य ग्रहण से 12 घंटा पहिले सूतक काल सुरू हो जाला। सूतक काल तबे लागू होला, जब ई लउकेला। साल के दूसरका सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई ना दी, अइसन में सूतक काल भारत में लागू ना होई। भारत में सूर्य ग्रहण के कवनो प्रभाव ना पड़ी, जवना चलते धार्मिक काम ना रुकी।