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आज तय होई ED के अधिकार? मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट सुनाई अहम फैसला

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प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(PMLA) के कई प्रावधानन के संवैधानिकता के चुनौती देवे वाला याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होखे के बा। एहके बाद प्रवर्तन निदेशालय के अधिकार अउरी हद भी तय हो जाई। मानल जा रहल बा, ईडी के शक्तियन, गिरफ्तारी के अधिकार, गवाह के समन अउरी संपत्ति जब्त कइले के तरीका अउरी जमानत प्रक्रिया के चुनौती देवे वाला याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आपन फैसला सुना सकता बा।

एह कानून के कई प्रावधानन के चुनौती देवे वाला 100 से ज्यादा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कईल गइल रहल, जेपर आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुनाई। ई याचिका कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख अउरी अन्य के ओर से दायर कईल गइल रहल। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाला पीठ एह मामला में सुनवाई करी। पीठ में न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार अउरी दिनेश माहेश्वरी भी शामिल बाने। उहवें न्यायमूर्ति खानविलकर 29 जुलाई के सेवानिवृत्त हो जइहें।

सीआरपीसी के पालन करने खातिर बाध्य हो एजेंसी 

पीएमएलए कानून के तहत गिरफ्तारी, जमानत, संपत्ति के जब्ती के अधिकार सीआरपीसी के दायरा से बाहर बा। याचिका में कहल गइल बा पीएसएलए के कई प्रावधान असैंवधानिक बा, काहेंसेकि संज्ञेय अपराध की जांच अउरी ट्रायल के बारे में देहल गइल प्रक्रिया के पालन नाइ कइल जात बा। याचिका में कहल गइल बा कि जांच एजेंसी के जांच करत समय सीआरपीसी के पालन करे खातिर बाध्य होखे के चाहीं। एह मामला में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अउरी अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई लोग आपन पक्ष रख चुकल बाने।

17 साल में खाली 23 लोग के ठहरावल गइल दोषी 

केंद्र सरकार लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बतवले कि पीएमएलए कानून 17 साल पहिले लागू भइल रहे। तब से अब ले एह कानून के तहत 5,422 मामले दर्ज कइल गइल बा। जबकि, खाली 23 लोग के दोषी ठहरावल गइल बा। 31 मार्च ले ईडी एक लाख करोड़ से ज्यादा के संपत्ति अटैच कइले बा अउरी 992 मामलों में चार्जशीट दायर कइल गईल बा।

 

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