राजधानी के रमाबाई अंबेडकर मैदान में होखे वाला समाजवादी पार्टी के प्रांतीय अउरी राष्ट्रीय सम्मेलन कई मायना में अहम होई। पार्टी के स्थापना के बाद से पहिला बेर सम्मेलन अखिलेश यादव पर केंद्रित होई। सम्मेलन में मुलायम के पीढ़ी के नेता लोग के अभाव दिखी त परिवारवाद के छाया से निकलले के छटपटाहट भी दिखी। ई सियासी फलक पर पार्टी के ताकत देहले के सथही नयका चुनौतियन से भी रूबरू कराई।
पार्टी 28 के प्रांतीय अउरी 29 सितंबर के होखे वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के ऐतिहासिक बनवले में कौनो कसर नाइ छोड़ल चाहतिया। एहमें कई आर्थिक अउरी सामाजिक प्रस्ताव पारित होई। अखिलेश यादव भलही पांच साल पहिले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनल होखें, लेकिन उनकर ई पहिला सम्मेलन ह, जेमें उ खुद सर्वेसर्वा होइहें। एहमें पार्टी संरक्षक पहुंचिहें, एह पर संशय बा।
मुलायम के संगे पार्टी के वैचारिक खाद-पानी देवे वाले ज्यादातर नेता अब एह दुनिया में नाइ बानें चाहे फिर उ किनारे हवें। ई सम्मेलन परिवारवाद के छाया से भी मुक्त नजर आई। प्रो. रामगोपाल यादव राष्ट्रीय महासचिव ले सीमित बानें त शिवपाल यादव बाहर हो चुकल बानें। सियासत में सक्रिय परिवार के बाकी सदस्य पहिलही अखिलेश आपन नेता मान चुकल बानें।
सम्मेलन पर एक नजर
- 04 अक्तूबर 1992 को सपा के स्थापना-: मुलायम सिंह संस्थापक अध्यक्ष बनलें।
- 05 अक्तूबर 1992 के बेगम हजरत महल पार्क लखनऊ में पहिला सम्मेलन
- 11-12 अक्तूबर 1994 के लखनऊ में दूसरा सम्मेलन।
- 27-28 जुलाई 1996 में लखनऊ में तीसरा सम्मेलन।
- 29,30,31 जनवरी 1999 में भोपाल के लोहिया नगर चौथा सम्मेलन।
- 3-4 जनवरी 2002 के कानपुर में पांचवां सम्मेलन।
- 21, 22, 23 अप्रैल 2005 के पटना में छठवाँ सम्मेलन।
- 26, 27, 28 मार्च 2008 के जबलपुर में सातवां सम्मेलन।
- 7-8 जून 2011 में आगरा में आठवां सम्मेलन। सपा के संविधान बदलल गइल।
- 8,9,10 अक्तूबर 2014 के लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में नौवां सम्मेलन।
- 05 अक्तूबर 2017 के आगरा में 10वां सम्मेलन।