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झटका: यूपी के 13 मेडिकल कॉलेजन के मान्यता ना मिली, एकरा चलते एनएमसी कइलस इनकार; विभाग देलस ई तर्क

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यूपी के 13 मेडिकल कॉलेज के मान्यता नइखे मिलल। करोड़ों के लागत से ई भवन पूरा हो चुकल बा। संकाय के 70 प्रतिशत तक के पद खाली पड़ल बा। एनएमसी मान्यता देवे से इनकार कऽ देले बिया।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग राज्य में बनल 13 गो नया मेडिकल कॉलेजन के मान्यता देबे से मना कऽ देलस। कॉलेज में मेडिकल टीचर आ बाकी संसाधन के कमी के चलते अइसन भइल।

एकरा से मेडिकल एजुकेशन विभाग के राज्य में एक संगे 1300 एमबीबीएस सीट बढ़ावे के योजना पs झटका लागल बा। राज्य के हर जिला में मेडिकल कॉलेज खोले के योजना बा। एकरा तहत करीब एक साल पहिले 13 गो स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेज पूरा हो चुकल रहे। एह कॉलेजन के सत्र 2024-25 में एमबीबीएस कोर्स शुरू करे के रहे।

एकरा तहत एनएमसी में मान्यता खातिर आवेदन कइल गइल। एनएमसी के टीम 24 जून के निरीक्षण कइलस आ कमी के गिनती कइलस। एकरा बाद कुछ कमी दूर हो गइल, बाकिर संकाय सदस्य के कमी के चलते राज्य के 13 गो कॉलेज के मान्यता देवे से इनकार कऽ दिहल गइल।

एह जिलन के कॉलेजन के बारे में बतावल गइल बा

स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कुशीनगर, कौशाम्बी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, ओरैया, सोनभद्र, बुलंदशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली आ लखीमपुर खेरी जिला में बा।

एमबीबीएस के 1300 सीट बढ़ावे के योजना में झटका

फिलहाल राज्य में सरकारी क्षेत्र में 3828 एमबीबीएस सीट आ निजी क्षेत्र में 5450 सीट बा। अगर एह कॉलेजन के मान्यता मिलित तऽ 1300 सीट बढ़ गइल रहित।

अपील खातिर 15 दिन के समय बा

मेडिकल कॉलेज एह कमी के दूर कइला के बाद एनएमसी से अपील कर सकऽता। अपील खातिर 15 दिन के समय बा। अधिकतर मेडिकल कॉलेजन में बहाली के प्रक्रिया चलत बा बाकिर जहाँ पचास फीसदी से अधिका पद खाली बा ओहिजा तय समय के भीतर इ पद भरल जाई कि ना एहपर सक बा।

कई गो कॉलेजन में सीटी स्कैन मशीन भा ब्लड सेपरेशन यूनिट तक नइखे

एनएमसी के ओर से कॉलेज के भेजल चिट्ठी में बतावल गईल बा कि कतना प्रतिशत संकाय पद खाली बा। एहमें कुशीनगर में 85.7 फीसदी, गोंडा में 84.70 फीसदी, सोनभद्र में 74 फीसदी, कौशाम्बी में 72.79 फीसदी, कानपुर देहात में 76.50 फीसदी, चंदौली में 65 फीसदी, ललितपुर में 64.70 फीसदी, औरैया में 68 फीसदी, बुलंदशहर में 48 फीसदी, बुलंदशहर में 47 फीसदी शामिल बा सुल्तानपुर के प्रतिशत पद खाली बा। इहे हाल आउर सब मेडिकल कॉलेजन के बा। कई गो कॉलेजन में सीटी स्कैन मशीन, ब्लड सेपरेशन यूनिट आदि तक नइखे।

विभाग के तर्क – नियम में बदलाव

मेडिकल एजुकेशन विभाग के सूत्र के कहनाम बा कि एनएमसी साल 2023 में 100 एमबीबीएस सीट पs पहिला साल खातिर 50 संकाय होखे के अनिवार्य कऽ देले रहे। एकरा बाद साल दर साल संकाय बढ़ावे के विकल्प रहे, बाकिर अब एकरा में बदलाव हो गइल बा। पहिला साल में संकाय के जरूरत 50 से बढ़ा के 85 कर दिहल गइल बा।

राज्य में चिकित्सा शिक्षा के बढ़ावा देवे खातिर लगातार प्रयास कइल जाता। एनएमसी निरीक्षण के बाद मान्यता नइखे देले। कमी दूर कइला के बाद फेर से मान्यता खातिर अपील कइल जाई – ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री।

सब कॉलेज के प्रिंसिपल के निर्देश दिहल गइल बा। तइयारी शुरू हो गइल बा। निर्धारित समय के भीतर अपील कइल जाई। –पार्थ सारथी सेन शर्मा, चिकित्सा शिक्षा आ चिकित्सा स्वास्थ्य आ परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव।

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