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साकार हरि बाबा के हs : सदा सूट आ बूट में रहेला… तीन राज्य में फॉलोअर्स बा, मीडिया से दूरी बना के रखेला

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उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला में मंगल के दिने एगो बड़हन हादसा हो गइल । इहां साकार हरि बाबा के एक दिन के सत्संग चलत रहे। उहाँ लइका-लइकी वाला मरद मेहरारू बाबा के प्रवचन सुनत रहे। करीब पौने दो बजे सत्संग खतम हो गइल अउरी बाबा के अनुयायी सड़क के ओर निकले लगले। तबे भगदड़ मच गइल। अभी तक ए दुर्घटना में 120 लोग के मौत के सूचना मिलल बा। एह बड़का हादसा के बाद हर आदमी जानल चाहत बा कि कथाकार साकर हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के हs। जेकरा सत्संग में एतना बड़ संख्या में अनुयायी आ गइल रहले। बाबा सकर हरि उर्फ भोले बाबा-

साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के असली नाम सूरज पाल सिंह हs। बाबा कासगंज के पटियाली निवासी हउवें । करीब 17 साल पहिले ऊ पुलिस सिपाही के नौकरी छोड़ के सत्संग करे लगले। नौकरी छोड़ला के बाद सूरज पाल आपन नाम बदल के सकर हरि कs देले। फॉलोअर्स उनका के भोले बाबा कहेले। कहल जाला कि समाज के गरीब आ वंचित वर्ग में उनकर लोकप्रियता तेजी से बढ़ल। कुछ समय में लाखों अनुयायी पैदा हो गइल। उत्तर प्रदेश के अलावा उनकर अनुयायी मध्य प्रदेश आ राजस्थान में फइलल बाड़े।

मानव सेवा के संदेश देवेले

साकार हरि बाबा अपना सत्संग में मानव सेवा के संदेश देले बाड़े। अधिकांश सत्संग में बाबा लोग के बतावेले कि इंसान के सेवा सबसे बड़ सेवा हs। सत्संग में अइला से रोग ठीक हो जाला, मन शुद्ध हो जाला, ना कवनो भेदभाव, ना कवनो दान आ ना कवनो पाखंड इहाँ। ऊ लोग के दावा बा कि इहे सब समानता बा, इहे ब्रह्मलोक हs, इहे स्वर्ग हs।

बाबा सूट आ बूट में रहेले

बाबा के बारे में कुछ लोग कहेला कि ऊ यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर रहले। कुछ लोग इहो कहेला कि उनकर संबंध आईबी से बा। एही से कहल जाला कि बाबा पुलिस के तरीका से परिचित बाड़े। वर्दीधारी स्वयंसेवकन के एगो बड़हन सेना पैदा करे में ई बहुते मददगार साबित भइल । बाबा आम ऋषि आ संत लोग के तरह केसर के कपड़ा ना पहिरेले। अधिकतर ऊ महँग चश्मा, सफेद पैंटशर्ट पहिरेलें। बाबा भी अपना प्रवचन में पाखंड के विरोध करेले। चूँकि बाबा के शिष्य में समाज के हाशिया पर पड़ल लोग, गरीब, दलित आदि के भारी संख्या शामिल बा। बाबा के पहनावा आ रूप-रंग उनका के बहुत आकर्षित करेला।

मीडिया से दूरी  बा

बाबा के सत्संग में भारी संख्या में लोग जुटेला। बाबा के चेला अपना मस्ती में जीयत बाड़े। इहे कारण बा कि इ लोग मीडिया से भी दूरी बना के रखले बाड़े। दरअसल, चूंकि बाबा के सत्संग के तरीका आम संतन से अलग बा, एही से ई लोग एकरा पs कवनो प्रकार के टीका नईखन चाहत।

बाबा के आश्रम इहाँ मौजूद बा

भोले बाबा के आश्रम कासगंज जिला के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में मौजूद बा। इहे उनकर पैतृक गाँव भी हs। बहादुर नगर में भोलेबाबा के एगो बड़हन आश्रम बनल बा। पहिले एह आश्रम में सप्ताह के हर मंगलवार के सत्संग होखत रहे, लेकिन कुछ साल पहिले से ई परंपरा टूट गइल बा।

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