कवनो विश्वविद्यालय में पढ़े वाला विद्यार्थी एक दिन अपना क्लास में टॉप करे के चाहेने। सबके सोझा उनुकर सम्मान होखे के चाही। सगरी विश्वविद्यालयन में होखे वाला दीक्षांत समारोह विद्यार्थियन के सबले बड़का त्योहार ह। लेकिन गोरखपुर विश्वविद्यालय में होखे वाला 42वां दीक्षांत समारोह के तस्वीर एकदम उल्टा बा। अभी ढाई महीना पहिले डीयू में 41वां दीक्षांत समारोह आयोजित भईल रहे। बाकिर पता ना कवन हड़बड़ी रहे कि 18 सितंबर के फेर से दीक्षांत समारोह के एलान हो गइल।
विद्यार्थियन के दीक्षांत समारोह में निराशा होखी
अबे ले सिर्फ UG कोर्स के रिजल्ट आईल बा। अयीसना में सिर्फ 8 छात्र के स्वर्ण पदक देके दीक्षांत समारोह के नाम पs खाना आपूर्ति कईल जाता। साथही 15 से अधिका स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के परीक्षा पास करे वाला विद्यार्थी काल्हु होखे वाला दीक्षांत समारोह से निराशा महसूस करीहें। हालांकि एकर सफाई के तौर पs विश्वविद्यालय प्रशासन बाद में पदक देवे के वादा क चुकल बा। लेकिन जवना परिस्थिति के सामना पीजी के छात्र भावनात्मक रूप से कर रहल बाड़े। ओकर जवाब केहू के लगे नइखे।
अबहीं ले एको पीजी कोर्स के रिजल्ट घोषित नइखे
विश्वविद्यालय में चलत 15 से अधिका पीजी कोर्स में से अबहीं ले एको पीजी कोर्स के रिजल्ट नइखे घोषित कइल गइल। अइसना में 18 सितंबर के होखे वाला दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर छात्र के कुलपति से स्वर्ण पदक ना मिल पाई।
विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के परंपरा लगातार टूटत जात बा
गोरखपुर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के परंपरा लगातार टूट रहल बा। विश्वविद्यालय के प्रावधान के मुताबिक दीक्षांत समारोह सिर्फ एक दिन के कार्यक्रम ना बालुक एक सप्ताह के फेस्टिवल ह। एह में तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आ कई गो बौद्धिक कार्यक्रम के आयोजन भी होला। बाकिर कोरोना काल से विश्वविद्यालय में लगातार दीक्षांत समारोह करावे के प्रथा टूटत बा। अब 4 दिन पहिले के सूचना देके दीक्षांत समारोह के आयोजन कईल जाता। अइसन सगरी तइयारी बेकार होखे लागल बा। हाल ही में जून में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि आ विशेष अतिथि तक ना अइले।अइसना में तब के वीसी के दुनु भूमिका निभावे के पड़ल।
छात्र नेता लोग कईले निंदा
विश्वविद्यालय में छात्र संघ के नेता विश्वविद्यालय प्रशासन के निंदा कईले बाड़े कि उ दीक्षांत समारोह के आधा-अधूरा तैयारी के संगे संचालन कईलस। एनएसयूआई के छात्र नेता अंकित पांडेय कहले कि अब विश्वविद्यालय में कवनो नियम कानून नईखे बाचल।
इहाँ महीना भर में दीक्षांत समारोह के आयोजन हो जाला। विश्वविद्यालय प्रशासन काल्हु फेर आपन अव्यवस्था के शो दोहरावे जा रहल बा। पीजी के छात्र जेकरा सोना मिले के चाहत रहे। उ लोग के खाली निराशा ही मिली।
नारायण दत्त पाठक कहले कि विश्वविद्यालय प्रशासन के लापरवाही के चलते पीजी छात्र के कुलपति के हाथ से स्वर्ण पदक ना मिल पावल। अइसना में विद्यार्थियन में बहुते असंतोष बा। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार अयीसन बात दोहरावत बा।
विश्वविद्यालय के पीआरओ महेन्द्र कुमार सिंह कहले कि पीजी छात्र के रिजल्ट अबे ले घोषणा नईखे भईल। अइसना में दीक्षांत समारोह में कुलपति से पदक ना मिल पाई। रिजल्ट घोषित भइला के बाद ओह लोग खातिर अलगा से समारोह आयोजित क के पदक वीसी के हाथ से मेडल दिहल जाई।