तीन वार्डन में जलभराव से मीली राहत, प्रदूषित होखले से बsची राप्ती नदी
गोरखपुर शहर के तीन वार्ड महेवा, रुस्तमपुर अउर महुईसुघरपुर में जल्दिए जलभराव के समस्या से निजात मिल गइले के उम्मीद बा। सथही एह वार्ड से निकले वाला गंदा पानी सीधे राप्ती में नाइ गिर सकी। पानी में मिलल कचरा अउर अन्य हानिकारक तत्व के शोधित करे खातिर कटनिया महेवा नाला पर करीब 53 करोड़ के लागत से 10 एमएलडी (मीट्रिक लीटर पर डे) क्षमता के एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनावल जाई।
अमृत 2.0 योजना के तहत राप्ती नदी में गिरे वाले कटनिया-महेवा नाला खातिर उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय निर्माण इकाई, गोरखपुर के परियोजना प्रबंधक कार्यालय शासन के प्रस्ताव बना के भेजले रहनें। एह प्रस्ताव के तहत बने वाले इंटरसेप्शन, डायवर्जन अउर ट्रीटमेंट के परियोजना के शासन 17 नवंबर 2022 के ही स्वीकृति दे दिहले बानें। एह योजना पs 53.03 करोड़ रुपया खर्च होई।
चार दिसंबर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एकर शिलान्यास करिहें। जेकरे बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाई। जल निगम के परियोजना प्रबंधन रतन सेन सिंह के मुताबिक एह योजना के तहत 10 एमएलडी के एसटीपी बनावल जाई। सथही राइजिंग मेन, बोल्डर पिचिंग अउर दूसर कामो करावल जाई।
साल 2025 तक 40 हजार से अधिक के आबादी के ध्यान में रख के एह परियोजना के निर्माण कइल जा रहल बा। एह परियोजना से नगर निगम के वार्ड महेवा, रुस्तमपुर अउर महुईसुघरपुर से निकले वाला सीवेज शोधित होई। ई सीवेज वर्तमान में कटनिया-महेवा नाला होत नदी में बहsला। एह पs एनजीटी सख्ती कs चुकल बा।
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