राउर EMI ना बढ़ी, रेपो रेट 6.5% पs बरकरार: लगातार चउथा बेर ब्याज दर स्थिर, RBI के अनुमान- एह साल महंगाई 5.4% रही
RBI लगातार चउथा बेर ब्याज दरन के 6.5% पs जस के तस रखले बा। माने राउर EMI ना बढ़ी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुक के मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसलन के जानकारी देलें। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के मीटिंग 4 अक्टूबर के सुरू भइल रहे।
RBI आखिरी बेर फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाके 6.5% रहे। तब से एमे कवनो बदलाव नइखे भइल। मॉनेटरी पॉलिसी के मीटिंग हर दु महीना में होला। एह वित्त वर्ष के पहिला मीटिंग अप्रिल में भइल रहे। ओहिजा पिछला वित्त वर्ष में रेपो रेट छव बेर में 2.50% बढ़ावल गइल रहे।
सब सदस्य दरन के इस्थिर बनावल रखे के पक्ष में रहे लो
RBI गवर्नर बतवलें कि एमपीसी के सब सदस्य पॉलिसी दरन के इस्थिर बना के रखे के पक्ष में रहे लो। आरबीआई अपना स्टॉनसो में कवनो बदलाव नइखे कइले। 6 में 5 सदस्य अकोमेडिटिव रूख बना के रखे के पक्ष में बा लो।
महंगाई से लड़े के शक्तिशाली टूल हs रेपो रेट
RBI के लगे रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़े के एगो शक्तिशाली टूल बा। जब महंगाई बहुत जादे होला तs, RBI रेपो रेट बढ़ाके इकोनॉमी में मनी फ्लो के कम करे के कोसिस करेला। रेपो रेट जादे होई तs बैंकन के RBI से मिले वाला कर्ज महंगा होई।
बदला में बैंक अपना ग्राहकन खातिर लोन महंगा कs देवेला। एसे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होला। मनी फ्लो कम होला तs डिमांड में कमी आवेला आ महंगाई घट जाला।
एही तरे जब इकोनॉमी बुरा दौर से गुजरेला तs रिकवरी खातिर मनी फ्लो बढ़ावे के जरूरत पड़ेला। अइसन में RBI रेपो रेट कम कs देवेला। एसे बैंकन के RBI से मिले वाला करजा सस्ता हो जाला आ ग्राहकन के सस्ता दर पs लोन मिलेला।
एकरा के उदाहरण से समझल जाव। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गइल रहे तs डिमांड में कमी आइल रहे। अइसन में RBI ब्याज दरन के कम कs के इकोनॉमी में मनी फ्लो के बढ़वले रहे।
RBI महंगाई आ GDP के अनुमान जारी कइलस
RBI गवर्नर महंगाई अनुमान आ GDP अनुमान जारी कइलस। FY24 खातिर महंगाई अनुमान के 5.4% पs बरकरार रखल गइल बा। पिछली मीटिंग में एकरा के 5.1% से बढ़ाके 5.4% कइल गइल रहे। RBI गवर्नर कहलें कि अक्मेंटूबर महंगाई में कमी आवे के उम्मीद बा।
FY24 में रियल GDP ग्रोथ के अनुमान 6.5% पs बरकरार रखले गइल बा। ओहिजा FY25 के पहिला तिमाही खातिर रियल GDP अनुमान 6.6% पs बरकरार रखले बा। RBI गवर्नर कहलें कि जियोपॉलिटिकल संकट के चलते ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती बा।
Comments are closed.