अरुण गोविल अपने यूट्यूब चैनल पर एगो वीडियो शेयर करत कहलें ‘बहुत समय से हमरे दिमाग में बहुत- सी बात चल रहल बा। लागsता अब ओ बात के आपके संगे साझा करे के समय आ गइल बा। ‘रामायण’ अउर ‘महाभारत’ जइसन जेतना भी पौराणिक ग्रंथ अउर शास्त्र ह, हमनी के सांस्कृतिक अउर धार्मिक धरोहर। मानव सभ्यता खातिर नींव ह। एके न हिलावल जा सकsता अउर न ही बदलल जा सकsता। अउर एकरे संगे कौनो तरह के खिलवाड़ चाहे छेड़छाड़ भी ठीक नाइ बा।
अरुण गोविल कहने कि, हमनीके शास्त्रन से संस्कार मिलsला, जीए के आधार मिलsला। हमनी के ई धरोधर ही जीए के कला सिखावsला। हमनीके संस्कृति विश्व के सबसे प्राचीन संस्कृति ह। अइसन में एकरे संगे छेड़छाड़ कइल धार्मिक भावना के आहत कइल ह।’ कोरोना में दिखल धार्मिक शक्ति पर बात करत अरुण गोविल कहनें, ‘जब ढाई साल पहिले आइल कोरोना हमनीके धार्मिक मान्यता के मजबूत कर दिहले बा, एतना ही नाइ, कोरोना के दौरान जब एक बेर फिर से ‘रामायण’ के प्रसारण शुरू भइल रहे त उ विश्व रिकॉर्ड बनवले रहे। 35 साल पहिले बनल रामायण के हमनीके युवा पीढ़ी पूरा श्रद्धा अउर आस्था से देखल।
फिल्म ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स पर निशाना साधत अरुण गोविल कहने कि ‘आप के हमनीके नीव, जड़ अउर धार्मिक संस्कृति से छेड़छाड़ करे के कौनो हक नाइ रहल। आप क्रिएटिविटी के नाम पर धर्म के मजाक नाइ बनावल सकsता।’ वीडियो के अंत में अरुण गोविल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धार्मिक अउर ऐतिहासिक धरोहरन के पहचान दियावे खातिर शुक्रिया भी कहलें।