राष्ट्र के सुरक्षा खातिर त्याग अउर समर्पण होखल सबसे जरूरी ह। हर नागरिक के देश के सुरक्षा के प्रति समर्पण होखे के चाहीं। इहे वास्तविक राष्ट्रभाव अउर राष्ट्रवाद होई। ई बात पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ पार्श्वनाथ विद्यापीठ में अतवार के आयोजित कार्यक्रम में कहनें। ऊ कहनें कि युवा लोग में राष्ट्रप्रेम के भावना के जागृत कइले के जरूरत रहे। युवा ही देश के भविष्य बा अउर युवा लोग से ही देश बा।
वाराणसी के करौंदी स्थित पार्श्वनाथ विद्यापीठ में आयोजित तीन दिन के भारत परंपरा में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अवधारणा विषय संगोष्ठी में अतवार के शोध पत्र प्रस्तुति भइल। एहमें छह शोध पत्र प्रस्तुत कइल गइल। एह दौरान प्रो. जयंत सब प्रस्तुत शोध पत्र के सारांश प्रस्तुत करत भारतीय दर्शन के आधार पर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के संदर्भ पs व्याख्यान दिहलें।
तीन दिवसीय संगोष्ठी में कुल 40 शोध पत्रन के प्रस्तुति भइल। एह दौरान यूपीटीयू के कुलपति प्रो. खंडाल, संचिदानंद मिश्र, रामाशीष आदि लोग मौजूद रहल।