JPU में रिसर्च के गुणवत्ता बढ़ावे खातिर प्लेगरिज्म सॉफ्टवेयर से होई जांच, पीजी कोर्स में 20% बदलाव

Anurag Ranjan

छपरा। जयप्रकाश विश्वविद्यालय (जेपीयू) शोध कार्य के गुणवत्ता में सुधार खातिर एगो अहम डेग उठवले बा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जेपीयू के शोध आ शैक्षणिक आलेखन में साहित्यिक चोरी (प्लेगरिज्म) के जांच खातिर एंटी-प्लेगरिज्म सॉफ्टवेयर के उपयोग के अनुमति देले बा।

एह फैसला के बाद अब शोधार्थियन के अपना शोध कार्यन के मौलिकता जांचे खातिर आउर संस्थानन पs निर्भर ना रहे के पड़ी। ई सॉफ्टवेयर शोध ग्रंथन के सटीकता सुनिश्चित करी आ शोध के स्तर के ऊंचा उठावे में मदद करी।

पीएचडी कार्यक्रम में बदलाव

जेपीयू के पीएचडी कार्यक्रम में कइयन गो महत्वपूर्ण बदलाव कइल गइल बा। अब छात्रन के छव महीना के कोर्स वर्क पूरा करे के होई, जवना के बाद परीक्षा आयोजित कइल जाई। सफल होखे वाला शोधार्थी अपना गाइड के मार्गदर्शन में शोध के रूपरेखा (सिनॉप्सिस) तइयार करी। एकरा पहिले डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल (डीआरसी) आ फेर पीजीआरसी से अनुमोदन प्राप्त करे के होई।

शोधार्थियन के अपना शोध कार्य के दौरान कम से कम दुगो सेमिनार आ सिंपोजियम में भाग लेहल अनिवार्य होई। एसे ओह लोगन के शोध में नवीनता आ गुणवत्ता सुनिश्चित होई।

फरवरी में होई पीएचडी प्रवेश परीक्षा

जेपीयू जल्दिये पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित करे जा रहल बा। एकरा खातिर लगभग 3,000 छात्र आवेदन कइले बा लो। परीक्षा फरवरी के दूसरका सप्ताह में होखे के संभावना बा। सफल छात्रन के निर्धारित सीटन पs कोर्स वर्क में प्रवेश दिहल जाई।

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सिविल इंजीनियर, भोजपुरिया, लेखक, ब्लॉगर आ कमेंटेटर। खेल के दुनिया से खास लगाव। परिचे- एगो निठाह समर्पित भोजपुरिया, जवन भोजपुरी के विकास ला लगातार प्रयासरत बा। खबर भोजपुरी के एह पोर्टल पs हमार कुछ खास लेख आ रचना रउआ सभे के पढ़े के मिली। रउआ सभे हमरा के आपन सुझाव [email protected] पs मेल करीं।
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