पीठ कहलस कि का ई अदालत के काम ह? आप अइसन याचिका दायर ही काहें करतनी कि हमनी के ओपर जुर्माना लगावे के पड़े? कौन मौलिक अधिकार के उल्लंघन भइल बा? चूंकि आप अदालत आइल बा त का नकारात्मक नतीजा के परवाह कइले बिना ई करीं?’
याचिकाकर्ता के ओर से पेश भइल वकील न्यायालय में कहलें कि गौ संरक्षा बहुत महत्वपूर्ण बा। पीठ वकील के आगाह कइलस कि उ जुर्माना लगवलें जेकरे बाद उ याचिका वापस ले लीहलें अउर मामला के खारिज कs दिहल गइल। शीर्ष न्यायालय गैर-सरकारी संगठन गोवंश सेवा सदन अउर अन्य के एगो जनहित याचिका पर सुनवाई करत रहे जेमें केंद्र के गाय के राष्ट्रीय पशु घोषित करे के निर्देश देवे के अनुरोध कइल गइल रहे।
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