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चिंता के बात : का पाकिस्तान कs सकत बा भारत के ब्रम्होस मिसाइल के नकल

रिवर्स इंजीनियरिंग से का पैदा हो सकत बा ई खतरा

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भारत के एगो सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल 9 मार्च के पाकिस्तान में 124 किलोमीटर अंदर ओकेरे शहर चन्नू मियां के लग्गे जा के गिरल। कई रिपोर्ट में दावा कइल जा रहल बा कि ये ब्रह्मोस मिसाइल रहल। एह घटना के बाद भारत के डर बा कि पाकिस्तान कहीं चीन के मदद से एकर रिवर्स इंजीनियरिंग क के ब्रह्मोस मिसाइल न बना ले।

चीन के एक्सपर्ट रिवर्स इंजीनियरिंग में माहिर बाने सब, ए लिए खतरा काफी बढ़ गइल बा।

अइसे में आईं जानल जा कि का होला मिसाइल के रिवर्स इंजीनियरिंग? पाकिस्तान कइसे एकरे जरिए ब्रह्मोस के नकल कर सकत बा? का पहिलहूँ पाकिस्तान ए तरे से कौनो मिसाइल बना चुकल बा?

 

का होला मिसाइल के रिवर्स इंजीनियरिंग?

  • रिवर्स इंजीनियरिंग उस तरीके के कहल जाला जेकरे जरिए कौनो मिसाइल चाहे मशीन के सब हिस्सा के अलग कइले के बाद ओकरे स्ट्रक्चर के समझ के ओकर नकल कs लेहल जाला।
  • एके अइसे समझ सकत बानीं जा- रिवर्स मने पीछे गइल। एकरे जरिए हम ई समझत सकेनी कि कौनो मशीन कइसे बनल रहल।
  • देखल जाए त रिसर्चर कौनो मशीन के बारे में जानकारी हासिल करे अउर ओह मामले में आपन नॉलेज बढ़वले खातिर इस्तेमाल करेने।
  • हालांकि, अब रिवर्स इंजीनियरिंग के उपयोग कौनो मशीन के टेक्नोलॉजी हासिल कइले के चाहे ओकर डुप्लीकेट बनवले में ढेर होला।
  • कई चीज के रिवर्स इंजीनियरिंग कइल जा सकत बा। ई कौनो सॉफ्टवेयर, फिजिकल मशीन, मिलिट्री टेक्नोलॉजी अउर जीन कुछुओ हो सकत बा।
  • 2009 में नॉर्थ कोरिआ में एगो पॉप वीडियो हिट भइल रहल। ओमें एगो मशीन के हीरो के तौर पर देखावल गइल रहल। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इहे मशीन उत्तर कोरिआ के एतना ताकतवर बना देहलस। ई मशीन दुनियाभर के फैक्ट्रियन में इस्तेमाल कइल जात बा अउर उसका नाम बा कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल मने CNC।

पाकिस्तान कइसे एकरे जरिए ब्रह्मोस के नकल कs सकत बा?

  • पाकिस्तान के पास अभिन ले सुपरसॉनिक चाहे हाइपरसॉनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी नाइ बा। अइसे में सबसे बड़हन सवाल बा कि का ब्रह्मोस मिसाइल के जरिए वह एह टेक्नोलॉजी को हासिल कs सकत बा।
  • डिफेंस एक्सपर्ट पीके सहगल के कहनाम बा कि मिसाइल के रिवर्स इंजीनियरिंग खातिर टेक्नोलॉजी अउर इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी बा। हालांकि, पाकिस्तान में ए दूनों चीजों के कमी बा। अइसे में मिसाइल के रिवर्स इंजीनियरिंग कs के ब्रह्मोस जइसन मिसाइल बनावल पाकिस्तान के बस के बात नाइ बा।
  • ऊ बतवने कि भारत से जौन मिसाइल गलती से पाकिस्तान में पहुंच गइल रहल ऊ दुर्घटनाग्रस्त हो गइल बा। एह कारन से एह मिसाइल के रिवर्स इंजीनियरिंग कइल बड़ी मुश्किल काम होई।
  • एहके संहइ अगर कौनो मिसाइल चाहे मशीन पूरा तरीका से मिलियो जाए त एहकर रिवर्स इंजीनियरिंग कइल आसान नाइ होला।
  • पीके सहगल बतवने कि भारत अभिनो 70% डिफेंस इक्विपमेंट रूस से इंपोर्ट कsता बा। संगही भारत टेक्नोलॉजी के मामला में पाकिस्तान से 100 गुना आगे बा। रूस से हम कई प्रकार के मिसाइल अउर टैंक खरीदे नी जा। एहके बावजूद भारत आज ले रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए एह मिसाइल चाहे टैंकन के डुप्लीकेट बनवले में सफल नाइ हो सकल बा।
  • हालांकि, पाकिस्तान चीन के मदद से ई काम कs सकत बा। उहवें पीके सहगल के कहनाम बा कि चीन कोसिस करी कि ऊ ब्रह्मोस के नकल कsके एके बना ले काहेंसेकी ई दुनिया के बेस्ट क्रूज मिसाइलन में से एक बा।

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