Oxford Word of the Year : ‘ब्रेन रोट’ बनल 2024 के र्ड ऑफ द ईयर, जानीं का होला एकर मतलब

Anurag Ranjan
ब्रेन रोट बनल वर्ड ऑफ द ईयर 2024 (फोटो: कैनवा)

आज के समय में इंटरनेट हमनी के जिनगी में एतना अहम हिस्सा बन चुकल बा कि बिना एकरा जिनगी के कल्पना कइलो मुश्किल बा। बाकिर एही इंटरनेट के दुनिया में रील आ शॉर्ट्स नाम के दुगो प्रेतो मवजूद बा। नाम भलही अलग-अलग होखे, बाकिर दुनो के काम एके बा- राउर समय बर्बाद कइल।

रउआ सोच रहल होखेम कि हमनी के आज ई ज्ञान काहे बांटे लागल बानी सs। दरअसल सोशल मीडिया पs बिना सोचले-समझलें खाकी स्क्रॉल करत जाये के एही निरंतरता खातिर एगो टर्म इस्तेमाल कइल जाला- ब्रेन रोट (Brain Rot)। अब एही शब्द के ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर 2024 घोषित कइले बा।

230 फीसदी तक बढ़ा इस्तेमाल

ऊ सोशल मीडिया पs एगो मीम चलेला नू की ‘जल लीं, थाक गइल होखेम स्क्रॉल करत-करत’, तs फिलहाल रउआ जल के जरूरत बा। काहेकि ई फिजूल के स्क्रॉल रउआ के मानसिक सड़न दे रहल बा। बीतल एक साल मे ब्रेन रॉट शब्द के इस्तेमाल 230 फीसदी बढ़ल बा।

अगर ममिला जटिल लागत होखे तs, तनिका आसान भाषा में समझत बानी सs कि का रउआ सबेरे-सबरे उठके फोन चेक करे के आदत बा? का फोन चेक करत-करत रउआ अचानक से सोशल मीडिया पs पहुंच जानी आ फेर आधा घंटटा बाद रउआ इयाद आवेला कि अभी तs रउआ बिछवना से उठ तक नइखीं सकल? का रउआ कहियो बइठल, खड़ा भा लेटल रहके फोन पs रील भा शॉर्ट्स स्क्रॉल करे लागेनी ? जदि हs तs रउआ ब्रेन रोट के शिकार बानी।

एल्गोरिद्म के हs सारा खेल

दरअसल होला ई कि सोशल मीडिया पs कंटेंट के भरमार बा। रउआ कवनो रील भा वीडियो पs औसत के मुकाबले 2 सेकेंड जादे गुजार देम, तs संबंधित एप के एल्गोरिद्म समझ जाई कि फलाना कैटेगरी के वीडियो रउआ पसंद बा, भलहीं रउआ ना होखे। अब राउर स्क्रीन पs तमाम अइसने रील आ कंटेंट पसर जाई।

इहो पढ़ीं: युवा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित भइली लोकगीत सी लड़की के लेखिका आ चर्चित कवयित्री आकृति विज्ञा अर्पण
स्क्रॉल करत-करत रउआ पता चलेला कि जवन कंटेट रउआ देख रहल बानी, ऊ रउआ काम के बड़लो बा कि ना। ई उहे स्थिति हs, जेमे हमनी के बिना कुछ समझे भा सोचलें कंटेंट के स्क्रॉल कइल जा रहल बानी सs, काहेकि स्क्रीन पs उहे आ रहल बा आ रउआ सोशल मीडिया के दुनिया में गोता लगा रहल बानी।

कंटेंट हो रहल बा कंज्यूम

रउआ सोचत बानी कि बस कुछ देर आउर बस कुछ रील आउर… बाकिर ई अंत तब तक ना आवेला, जब ले रउआ कवनो दोसर काम इयाद आ जावs भा मां आके ई ना कह देस कि कइयन घंटा से एही में लागल बाड़s। ब्रेन रोट शब्द एही मानसिक सड़न के संदर्भित करेला, जेमे रउआ लो क्वालिटी कंटेट, रिपीट होखे वाला कंटेट के बस कंज्यूम कs रहल बानी, बिना कवन मतलब के।

1854 में पहिला बेर इस्तेमाल

ब्रेन रोट शब्द के इस्तेमाल आज से करीब 170 साल पहिले कइल गइल रहे। 1854 में लिखल हेनरी डेविड के किताब वाल्डेन (Walden) में एह शब्द के पहिला बेर जिक्र कइल गइल। ऊ समाज के सतहीपन पs कटाक्ष करत लिखले रहस कि जब इंग्लैंड आलू के सड़न खत्म करे के प्रयास कs रहल बा, तs मानसिक सड़न काहे ना।

Share This Article
Content Creator
Follow:
सिविल इंजीनियर, भोजपुरिया, लेखक, ब्लॉगर आ कमेंटेटर। खेल के दुनिया से खास लगाव। परिचे- एगो निठाह समर्पित भोजपुरिया, जवन भोजपुरी के विकास ला लगातार प्रयासरत बा। खबर भोजपुरी के एह पोर्टल पs हमार कुछ खास लेख आ रचना रउआ सभे के पढ़े के मिली। रउआ सभे हमरा के आपन सुझाव [email protected] पs मेल करीं।
Leave a Comment